Ram Mandir Pran Pratishtha: शंकराचार्यों ने मंदिर के निर्माण कार्य को अधूरा बताते हुए इस आयोजन में शामिल होने से इनकार कर दिया है, इस पर कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर की प्रतिक्रिया सामने आई है.
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Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है, जिसके अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू हो गए हैं. आज प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का चौथा दिन है. इससे पहले तीसरे दिन रामलला की मूर्ति को गर्भगृह में बने आसन पर रखा गया. वहीं आज से अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हो जाएंगे. एक ओर जहां रामलला के आगमन की खुशी है तो वहीं दूसरी तरफ शंकराचार्यों ने मंदिर के निर्माण कार्य को अधूरा बताते हुए इस आयोजन में शामिल होने से इनकार कर दिया है, इस पर कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर की प्रतिक्रिया सामने आई है.
उत्तराखंड ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजन में आने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी अधूरा है, इसलिए वह रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ बताया. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मंदिर भगवान का शरीर है, मंदिर का शिखर भगवान की आंखों का प्रतिनिधित्व करता है और 'कलश' सिर का प्रतिनिधित्व करता है. मंदिर पर लगा झंडा भगवान के बाल हैं. शंकराचार्य ने कहा कि बिना सिर या आंखों के शरीर में प्राण-प्रतिष्ठा करना सही नहीं है. यह हमारे शास्त्रों के खिलाफ है. इसलिए, मैं वहां नहीं जाऊंगा. क्योंकि, अगर मैं वहां जाऊंगा तो लोग कहेंगे कि शास्त्रों का उल्लंघन किया गया है.
शंकराचार्य के इस बयान के बाद देशभर के संत इस पर राय रख रहे हैं. कुछ लोग शंकराचार्य की बातों से सहमत हैं तो वहीं कुछ लोग इस पर अपना विचार रख रहे हैं. अब इस पूरे मामले में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा का दिन बड़े ही शुभ मुहूर्त में रखा गया है. उस दिन पौष मास की द्वादशी तिथि और सोमवार का दिन है. साथ ही 22 जनवरी को मृगष्णा नक्षत्र है. यह सभी भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ हैं.
मंदिर के अधूरे निर्माण के बीच भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंदिर का गर्भगृह पूरी तरह तैयार है और प्रथम तल के निर्माण कार्य जारी है. ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर का गर्भगृह जब पूरी तरह तैयार है तो शास्त्रों के अनुसार, हम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर सकते हैं. बाद में मंदिर का निर्माण कार्य आगे चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का मंदिर लगभग 500 वर्ष के बाद बन रहा है और यह समय हम लोगों के लिए हर्षोल्लास का है. भगवान श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान हो चुके हैं और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान श्री राम के भक्तों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा.
Input- Hari Kishor Sah