Delhi Corona Warriors: केजरीवाल सरकार ने कोरोना महामारी में लोगों की सेवा कर जान गंवाने वाली कोरोना योद्धा ममाता रानी के परिजनों को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी. बता दें कि ममाता रानी की 4 और साल की दो बेटियां हैं, जिनके सिर पर मां का साया नहीं है.
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Covid-19 Latest Update: दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने शनिवार को कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान कोरोना की वजह से अपनी जान गंवाने वाली कोरोना योद्धा ममता रानी के परिजनों से मुलाकात की. उन्हें दिल्ली सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि का चेक सौंपा गया. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने बताया कि रोहिणी जोन के सुल्तानपुरी स्कूल में सर्विस के दौरान शिक्षिका ममता रानी कोरोना से संक्रमित हो गई थी और अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि भले ही अनुग्रह राशि परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर पाए, लेकिन मुझे उम्मीद है कि परिजनों को इस आर्थिक मदद से अपना भविष्य संवारने और जीवन यापन में थोड़ी सहायता मिल सकेगी.
मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि कोरोना के मुश्किल समय में अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े दिल्ली के कई जाबाज लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाकर बाकी लोगों की रक्षा की. हम महामारी से जंग लड़ने के उनके जज्बे को सलाम करते हैं. कोरोना महामारी के समय सेवा करते हुए कोविड की चपेट में आकर जान गंवाने वाले दिल्ली के कई कोरोना योद्धाओं के परिजनों को केजरीवाल सरकार एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दे चुकी है.
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राजकुमार आनंद शनिवार को कोरोना योद्धा स्वर्गीय ममता रानी के परिवार से मिलने रोहिणी स्थित उनके निवास पर पहुंचे. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री ने ममता रानी के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोहिणी जोन के सुल्तानपुरी स्कूल की शिक्षिका ममता रानी विद्यालय के भूख राहत केंद्र (हंगर रिलीफ सेंटर) में कार्यरत थी. वहां सेवा करते हुए वह 31 मई 2020 को कोविड से संक्रमित हो गई थी. वह एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण) वाली मरीज थी, इसलिए शुरुआत में उन्होंने घर में ही क्वारंटाइन रहकर नियमित इलाज लिया.
हालांकि बाद में उनकी स्थिति ज्यादा खराब होने पर उन्हें रोहिणी सेक्टर-6 स्थित डॉ बीआर आंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया. मगर 16 जून 2020 को अस्पताल में कोरोना से लड़ते हुए वह जिंदगी की जंग नहीं जीत पाई और उनकी मृत्यु हो गई. स्वर्गीय ममता रानी की जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती है, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से दी गई. यह राशि उनके परिवार की कुछ जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी. केजरीवाल सरकार उनके परिवार को आर्थिक मदद दे रही हैं, ताकि उनके परिजनों को अपने जीवन यापन और भविष्य को संवारने में मदद मिल सके. दिल्ली सरकार की यह योजना कोरोना योद्धाओं के परिवार को आत्मविश्वास देती है कि दिल्ली सरकार हमेशा उनके साथ है.
बेटियों से सिर से उठ गया मां का साया
कोरोना योद्धा ममता रानी बहुत ही उदार और खुश मिजाज व्यक्तित्व की व्यक्ति थी. उनके पति गुलशन कुमार भी स्कूल में शिक्षक हैं. ममता रानी की दो बेटियां है, जिनकी उम्र 4 और 7 वर्ष है. इन बच्चियों के सिर से मां का साया उठ गया है. मां ममता रानी के स्वर्गवास के बाद बच्चियों का हाल पूछते हुए समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने उनसे काफी समय बातचीत की और यह आश्वस्त किया कि भविष्य में भी किसी भी तरह की समस्या आने पर वह बेझिझक उन्हें आकर बता सकती हैं.