महाभारत में भी बिहार की शान 'गमछे' का जिक्र!

Shubham Raj
Dec 05, 2024

गमछा

गमछे को बिहार और यूपी की शान कहा जाता है. आमतौर पर इसे पुरुष द्वारा उपयोग किया जाता है. कई लोग शान से इस कंधे पर रखते हैं. तो कई लोग इसका नहाने के बाद उपयोग करते हैं.

इन राज्यों में भी प्रसिद्ध

यूपी-बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ-साथ भारत कई हिस्सों में गमछे का इस्तेमाल किया जाता है.

विदेशों में गमछा का जलवा

बता दें कि भारत के अलावा बांग्लादेश और दक्षिण-पूर्व एशिया के भी कई हिस्सों में गमछा का इस्तेमाल किया जाता है.

कहां से आया गमछा शब्द?

कोई कहते हैं कि इसकी उत्पत्ति संस्कृत से हुई है. तो कई लोगों का मानना है कि 'गमछा' शब्द बंगाली भाषा से निकला है. हालांकि भारत में तकरीबन हर भाषा के लोग इसे एक पारंपरिक वस्त्र के रूप में जानते हैं.

गमछे का उपयोग

मुख्य रूप से गमछे का इस्तेमाल नहाने के बाद शरीर को सुखाने या पसीना पोंछने के लिए किया जाता है.

गमछे का इतिहास

यूपी-बिहार की शान कहे जाने वाले गमछे का इतिहास बहुत पुराना बताया जाता है. तभी तो इसे पारंपरिक वस्त्र के रूप में जानते हैं.

महाभारत में जिक्र

गमछे के इतिहास का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका जिक्र ओड़िया महाभारत में भी मिलता है.

ओडिया महाभारत में 'गमछा'

कहा जाता है कि सारला दास द्वारा लिखी गई ओड़िया महाभारत में उन्होंने गमछे का जिक्र किया है.

कौन थे सारला दास

सारला दास ओड़िया के महान कवि थे जिन्होने ओडिया में महाभारत तथा बिलङ्का रामायण की रचना की है.

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