Bhai Dooj 2024: दिवाली के बाद कब है भाई दूज? शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व
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Bhai Dooj 2024: दिवाली के बाद कब है भाई दूज? शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

Bhai Dooj 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर की रात 8:21 बजे होगी और यह तिथि 3 नवंबर की रात 10:05 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा.

Bhai Dooj 2024: दिवाली के बाद कब है भाई दूज? शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

Bhai Dooj 2024: भाई दूज का त्योहार हिंदू धर्म में भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का वचन देता है. इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ी एक पौराणिक कथा इसके महत्व को और भी बढ़ा देती है.

भाई दूज 2024 कब है?
आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगी और यह तिथि 3 नवंबर को रात 10 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के आधार पर, भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा.

पूजा का कब है समय
भाई दूज 2024 का शुभ मुहूर्त भाई दूज के दिन पूजा का सबसे अच्छा समय 3 नवंबर को सुबह 11 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस दिन सुबह 4 बजकर 51 मिनट से 5 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा, जो पूजा और तिलक के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है. इसके अलावा, विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से 2 बजकर 38 मिनट तक और गोधूलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजे तक रहेगा.

भाई दूज का क्या है महत्व
आचार्य के अनुसार धार्मिक महत्व भाई दूज का दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है. इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करके उसके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करती है. माना जाता है कि इस दिन तिलक करवाने वाले भाई को अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता. इसके साथ ही, भाई यदि बहन के घर जाकर भोजन करता है, तो उसकी उम्र और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है. इस प्रकार भाई दूज का पर्व प्रेम, आशीर्वाद और परिवार के साथ जुड़े रहने का एक विशेष अवसर होता है.

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