Horoscope: कुंडली के छठे भाव में कैसा होता है ग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव, जान लेना है बेहतर
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Horoscope: कुंडली के छठे भाव में कैसा होता है ग्रहों का शुभ और अशुभ प्रभाव, जान लेना है बेहतर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली का छठा घर आपके दैनिक जीवन का आईना होता है. यह आपके जीवन में आने वाले रोग को भी दर्शाता है. इस भाव की खासियत यह भी है कि आप इस रोग से बाहर कैसे निकलें इसके बारे में भी संकेत देता है.

फाइल फोटो

Horoscope: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली का छठा घर आपके दैनिक जीवन का आईना होता है. यह आपके जीवन में आने वाले रोग को भी दर्शाता है. इस भाव की खासियत यह भी है कि आप इस रोग से बाहर कैसे निकलें इसके बारे में भी संकेत देता है. इसी भाव से आपके जीवन में आने वाले शत्रु, नौकरी, कर्ज आदि को भी गिना जाता है. 

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ज्योतिष के अनुसार कुछ शुभ ग्रह बताये गए हैं जिनमें बुध, चंद्रमा, गुरु और शुक्र को रखा गया है. वहीं सूर्य, मंगल, राहु, केतु और शनि को अशुभ ग्रह माना जाता है. लेकिन, ज्योतिष के अनुसार इस भाव में अशुभ ग्रह भी शुभ परिणाम देने वाले होते हैं. ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि अगर आपकी कुंडली में छठे भाव में शुभ या अशुभ ग्रह हों तो इसका आपके जीवन पर किस तरह का प्रभाव पड़ने वाला है. 

वैसे ज्योतिष की मानें तो कुंडली के छठे भाव का स्वामी बुध ग्रह हैं. वहीं केतु भी इस भाव के कारक ग्रह हैं. वहीं अगर आपके छठे भाव में सूर्य हो तो यह आपको उच्च रक्तचाप की समस्या देता है. हालांकि सूर्य यहां मजबूत हो तो आपको स्वस्थ भी बनाता है. वहीं आपके शत्रु भी आपसे परास्त होंगे. यह आपके मामा पक्ष के लिए बेहतर नहीं होगा वहीं आपके दादा-दादी को बीमारी भी आपके पैदा होने के बाद घेर सकती है. 

वहीं यह छठा भाव मंगल के लिए बेहतर माना जाता है. यह आपकी बीमारी में लेकिन आपकी परेशानी का कारण बन जाता है. आप दुर्घटनाओं की चपेट में आ सकते हैं. इस भाव में मंगल का होना भाई-बहनों के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है. 

हालांकि छठे भाव में शनि हो तो यह आपको कठिनाईयों से लड़ने की क्षमता देता है. लेकिन, यह पाचन संबंधी समस्या भी देता है. मानसिक चिंता भी बढ़ाता है. हालांकि इस भाव में शनि हमेशा बेहतर फल देते हैं. वहीं राहु अगर इस भाव में हो तो नौकरी में परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि राहु आपको गलत संगति की ओर ले जा सकता है. आपको ऐसी बीमारी हो सकती है जिसके बारे में आपको पता भी ना हो. वहीं केतु का इस भाव में होना आपको चोट का डर देता है. यह भाव केतु के लिए बेहतर है. हालांकि दांतों और होठों से संबंधित परेशानी को बढ़ा सकता है.    

वहीं छठे भाव में मौजूद बुध अपने शुभ स्वाभाव के अनुसार शुभ प्रभाव देते हैं. हालांकि स्वास्थ्य की समस्याएं भी इसी वजह से पैदा होंगी. करीबियों के साथ संबंध बेहतर नहीं होंगे. वहीं इस भाव में चंद्रमा ज्यादा बेहतर फल नहीं देता है. माता का स्वास्थ्य परेशान कर सकती है. निर्णय लेने में भी परेशानी हो सकती है. कर्ज परेशान कर सकता है. अपमान भी आपका हो सकता है. हालांकि यह संतान के लिए बेहतर है. गुरु इस भाव में हो तो आपको आर्थिक फायदे के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. खून और लीवर से संबंधित बीमारियां आपको परेशान कर सकती है. 

शुक्र इस भाव में हो तो आपका स्वास्थ्य तो उत्तम होगा लेकिन अन्य कई तरह की परेशानियां आपको होंगी. शुक्र आपके जीवन में बहुत प्रभाव डालने वाला है. आपको महिला पक्ष से भी सुख मिलेगा. आपको खर्चे अचानक बढ़ सकते हैं. 

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