मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकले युवक, पहुंचे लातेहार
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मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकले युवक, पहुंचे लातेहार

ओडिशा के आदिवासी मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर ओडिशा के आदिवासी युवक दिल्ली तक 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकले हैं. इन युवकों की यात्रा की ना कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और ना ही कोई निजी स्वार्थ है. 

मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकले युवक, पहुंचे लातेहार

लातेहारः ओडिशा के आदिवासी मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर ओडिशा के आदिवासी युवक दिल्ली तक 1500 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकले हैं. इन युवकों की यात्रा की ना कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और ना ही कोई निजी स्वार्थ है. इस यात्रा का उद्देश्य ओडिशा से मयूरभंज को अलग कर झारखंड और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अलग राज्य बनाने का है. 

मयूरभंज को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग
गौरतलब है कि 4 हजार किमी की पैदल यात्रा पर निकले विराट रीवा पहुंचे है. सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे है.  पैदल यात्रा पर निकले आदिवासी युवक लातेहार हाथ में तिरंगा लिए पहुंचे है. युवकों ने बताया कि ओडिशा से पैदल चलकर महामहिम राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जा रहे हैं. महामहिम को ज्ञापन सौंपकर मयूरभंज को अलग राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे. अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन लगातार जारी है और पैदल यात्रा इसी आंदोलन का हिस्सा है. 

'साल 1949 से पहले एक स्वतंत्र राज्य था मयूरभंज'
वहीं सुखलाल मरांडी ने बताया कि साल 1949 से पहले मयूरभंज एक स्वतंत्र राज्य था. उस समय क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो रहा था, लेकिन 1949 में मर्जर अधिनियम के तहत मयूरभंज का ओडिशा में विलय कर दिया गया. इसके बाद मयूरभंज में विकास कार्य थम गया. मयूरभंज के इलाके में रहने वाले युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और ना ही बेहतर शिक्षा मिल रही है. यह इलाका पूरी तरह आदिवासी और खनिज संपदा से संपन्न इलाका है. इसके बावजूद आज तक यहां रेलवे लाइन तक की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

1 जनवरी को शुरू की पैदल यात्रा 
आदिवासी समाज में प्रतिभावान खिलाड़ी है, लेकिन कभी आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया जाता है. इसलिए मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं. वहीं पैदल यात्रा कर रहे करुणाकर सोरेन ने कहा कि मयूरभंज को ओडिशा में जबरदस्ती मर्ज किया गया था. अब मयूरभंज को अलग राज्य बनाने की मांग जोर जोर से की जा रही है. इसी मांग को लेकर पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचेंगे और राष्ट्रपति से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे. 1 जनवरी को काला दिवस मना कर पैदल यात्रा की शुरुआत की गई है.

इनपुट- संजीव कुमार 

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