Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने आदिवासी समाज को सराहा तो झारखंड में इस पर शुरू हो गई राजनीति
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Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने आदिवासी समाज को सराहा तो झारखंड में इस पर शुरू हो गई राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में आदिवासियों के सम्मान से जुड़े विषय पर बातचीत करते हुए आदिवासी समाज को सराहा।.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आदिवासियों की हिमायत करने को भारतीय जनता पार्टी ने गौरवशाली बताते हुए प्रधानमंत्री को आदिवासी हितैषी बताया तो वही झारखंड मुक्त

(फाइल फोटो)

रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में आदिवासियों के सम्मान से जुड़े विषय पर बातचीत करते हुए आदिवासी समाज को सराहा।.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आदिवासियों की हिमायत करने को भारतीय जनता पार्टी ने गौरवशाली बताते हुए प्रधानमंत्री को आदिवासी हितैषी बताया तो वही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरना कोर्ट के बहाने भारतीय जनता पार्टी पर चुटकी ली. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में जनजातीय समुदाय और जनजातीय जीवन से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा प्रतिनिधत्व रहा है. जनजातीय जीवन, शहरों की भागदौड़ से अलग होता है, उसकी चुनौतियां भी अलग होती हैं. इसके बावजूद जनजातीय समाज, अपनी परम्पराओं को सहेजने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. जनजातीय समुदायों से जुड़ी चीज़ों के संरक्षण और उन पर research  के प्रयास भी होते हैं. ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है. धानीराम टोटो, जानुम सिंह सोय और बी. रामकृष्ण रेड्डी जी के नाम, अब तो पूरा देश उनसे परिचित हो गया है. सिद्धी, जारवा और ओंगे जैसी आदि-जनजाति के साथ काम करने वाले लोगों को भी इस बार सम्मानित किया गया है. जैसे – हीराबाई लोबी, रतन चंद्र कार और ईश्वर चंद्र वर्मा जी। जनजातिय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है. उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा. 

इसके बाद पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के समापन के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबुलाल मरांडी ने आदिवासियों की तारीफ करते हुए कहा कि आदिवासी समाज थोड़ी सी उपलब्धि में भी बड़ा संतुष्ट हो जाता है और अपने मेहनत और परिश्रम की बदोलत वो सबसे अलग है. बाबुलाल मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ बात कही ताकि आदिवासियों के बारे में जो लोगों की सोच है वह सोच बदल सके, क्योंकि आदिवासी समाज ने इस देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां आदिवासियों ने संघर्ष नहीं किया है और झारखंड की धरती भी इससे अछूता नहीं है.आदिवासियों की वीर गाथा बहुत मिलेगी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने 15 नवंबर बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह पूरे देश मे मनाया जाता है. 

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जब चुनाव आता है तो भारतीय जनता पार्टी को आदिवासी याद आते हैं और अभी भी जिन राज्यों में चुनाव होने वहां पर आदिवासी बहुल इलाका है. इसीलिए प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी को आदिवासियों की याद आ रही है. वहीं उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि वह आदिवासियों के बारे में सोच रहे हैं लेकिन अच्छा होता कि अगर वह सरना कोड को लागू कर देते. इधर अमृत गार्डन के प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा उद्घाटन करने पर भी जेएमएम ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया है और कहा है कि आदिवासियों का प्रधानमंत्री अतिक्रमण करना चाह रहे हैं और यह उद्घाटन उनकी सोच को दर्शाता है. 

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