कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान एम्स में बुनियादी सुविधाओं के संबंध में एम्स प्रबंधन को जवाब दाखिल करने को कहा था. इसमें देवघर एम्स के डायरेक्टर को प्रतिवादी बनाया गया था.
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रांची: देवघर एम्स के प्रबंधन ने झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को कहा कि यहां बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति झारखंड सरकार गंभीर नहीं है. एम्स की ओर से यह बात गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई की दौरान कही गई है.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान एम्स में बुनियादी सुविधाओं के संबंध में एम्स प्रबंधन को जवाब दाखिल करने को कहा था. इसमें देवघर एम्स के डायरेक्टर को प्रतिवादी बनाया गया था. देवघर एम्स की ओर से दाखिल किए गए जवाब में कहा गया कि यहां बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. इसे लेकर कई बार राज्य सरकार को पत्र लिखा गया लेकिन सरकार ने इसपर कोई निर्णय नहीं लिया. राज्य सरकार से जिन सुविधाओं की मांग की गई है उनमें इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, एप्रोचिंग रोड, फ्लाईओवर और जरूरत के अनुसार की व्यवस्था शामिल है.
अब देवघर एम्स के जवाब पर अपना वक्तव्य देने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से समय की मांग की है. याचिका में सांसद की ओर से कहा गया है कि देवघर एम्स में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. उनकी ओर से कोर्ट से देवघर एम्स के लिए पर्याप्त बिजली, पानी, पहुंच पथ, सड़क तथा फायर ब्रिगेड की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह कोर्ट से किया गया है. इस याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई. मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय और केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने मामले की पैरवी की.
इनपुट -आईएएनएस
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