पूर्णिया में रेड लाइट इलाकों की अगर बात करें कटिहार मोड़ में 10, गुलाबबाग में 8 हरदा में 5, बनमनखी में 10, कब्रिस्तान टोला में 2 हैं. पूर्णिया के रेड लाइट इलाकों का गुलाबबाग मेले से गहरा नाता रहा है. गुलाबबाग मेले में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल सहित दूर-दूर की नर्तकियां आती थी और ये मेला दो-दो महीने तक चलता था.
बाद में यहां नर्तकियों की टोली बसती चली गई और फिर यह इलाका जिस्म के बाजार के रुप में फैलता चला गया. गुलाबबाग मेले के बंद हो जाने के बाद यहां जिस्म का कारोबार और तेजी से बढ़ने लगा. उत्तर बिहार की सबसे बड़ी गल्ला मंडी गुलाबबाग होने के कारण इसको और रफ्तार मिलता चला गया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान के समय में पूर्णिया के रेड लाइट एरिया में 300 से अधिक सेक्स वर्कर जिस्मफरोशी के धंधे का काम करती हैं. यहां 24 से ज्यादा नाबालिग लड़कियां को भी सेक्स वर्कर का काम करते हुए देखा गया है. यहां कि महिलाओं ने जिस्मफरोशी के धंधे से करोड़ों की संपत्ति बनाई है.
देह व्यापार में शामिल यहां की महिलाएं पूर्णिया के अलावा मुबंई और दुबई भी जाती हैं. सेक्स का धंधा चलाने वाली महिलाएं यहां की लेडी डॉन बन गई हैं. जिस्मफरोशी के धंधे में इन्ही की तुती बोलती है.
वहीं पूर्णिया में देह व्यापार के खिलाफ पुलिस लागातार कार्रवाई भी करते रहती है. आए दिन पुलिस छापेमारी करके लोगों को गिरफ्तार भी करती है लेकिन इसके बाद जिस्मफरोशी का धंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है.
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