मधेपुरा में स्वास्थ्य सेवा की मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोल खोल रहा है. यहां रात में ऑपरेशन के बाद चिकित्सक नदारद रहते हैं. भगवान भरोसे किसी तरह मरीज रात गुजारते हैं. अस्पतालों में सुलभ शौचालय और बाथरूम की कोई व्यवस्था नहीं है. भले ही स्वास्थ्य विभाग मिशन 60 के तहत बिहार के अस्पतालों को चमकाने में लगी है,
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मधेपुराः मधेपुरा में स्वास्थ्य सेवा की मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोल खोल रहा है. यहां रात में ऑपरेशन के बाद चिकित्सक नदारद रहते हैं. भगवान भरोसे किसी तरह मरीज रात गुजारते हैं. अस्पतालों में सुलभ शौचालय और बाथरूम की कोई व्यवस्था नहीं है. भले ही स्वास्थ्य विभाग मिशन 60 के तहत बिहार के अस्पतालों को चमकाने में लगी है, लेकिन बिहार सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावे की पोल मधेपुरा सदर पीएचसी मुरहो खोल रही है.
भगवान भरोसे मरीज गुजारते है रात
मिली जानकारी के मुताबिक यहां रात में ऑपरेशन के बाद मरीजों को अपने हाल पर छोड़ जाते हैं. चिकित्सक खुद अस्पताल छोड़ नदारद रहते हैं. आलम यह है कि भगवान भरोसे किसी तरह मरीज रात गुजार लेते है. अहम बात ये है कि अस्पताल में साफ- सफाई, शौचालय और बाथरूम की कोई व्यवस्था स्टाफ हो या मरीज किसी को नहीं मिल रही है. वहीं अस्पताल में ठंड के मौसम में भी मरीज जमीन पर लेते रहते हैं.
रात में हुआ 13 मरीजों का ऑपरेशन
जानकारी के मुताबिक मधेपुरा सदर प्रखंड के मुरहो पीएचसी में मंगलवार की रात्रि में 13 मरीजों का ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों को नर्स के भरोसे छोड़ डॉक्टर साहब अपने घर को निकल गए. स्थिति यह थी कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को बेड तक उपलब्ध नहीं थे. इस स्थिति में मरीज और उसके परिजन घर और आस-पास के लोगों से पुआल लेकर आए और जमीन पर बिछाकर किसी तरह अपनी रात गुजार ली.
शौचालय और बाथरूम की नहीं उचित व्यवस्था
आलम यह है कि पीएचसी में साफ सफाई की व्यवस्था तो दूर शौचालय और बाथरूम तक की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है. भगवान भरोसे अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जब जी मीडिया की टीम ने रात्रि में मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया तो मरीजों का कोई कमरा भी साफ-सुथरा नहीं था. इस हाल में ही 13 मरीज और उनके परिजन अस्पताल किसी तरह जमीन पर पुवाल बिछा कर रात गुजार रहे थे. जहां उनकी देखभाल के लिए केवल और केवल एक नर्स ही मौजूद थी और नर्स भी अपनी अलग ही व्यथा सुना रही थी.
प्रबंधक ने दिया चौकाने वाला जवाब
वहीं इन समस्याओं को लेकर जब अस्पताल के प्रबंधक संतोष कुमार से सवाल किया गया तो उनसे चौंकाने वाला जवाब मिला, संतोष कुमार की माने तो यहां चिकित्सक की घोर कमी है और मात्र एक चिकित्सक ही रात में 13 मरीजों का ऑपरेशन कर फरार था, उन्होंने साफ सफाई के मामले में कहा कि हम लोगों ने कई बार सिविल सर्जन को पत्र लिखा है लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. किसी तरह हम लोग साफ सफाई अपने स्तर से करवाते हैं.
जब रात में ड्यूटी पर तैनात डॉ संतोष कुमार झा को कॉल किया गया तो उनके घर में किसी महिला ने फोन उठाया और कहा डॉक्टर साहब अभी सो रहे हैं. जब खुद परिचय दिया गया तो महिला ने कहा कॉल कर बात करती हूं, लेकिन डॉक्टर साहब से बात नहीं हो सकी. बहरहाल जिस तरह से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव लगातार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में मधेपुरा सदर पीएचसी का हाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर खुद एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है और इन सवालों के कटघरे में खड़ा है.
इनपुट- शंकर कुमार
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