विजय सिन्हा ने गत वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और तत्कालीन विपक्ष के विधायकों द्वारा आसन के साथ किए गए दुर्व्यवहार मामले में आचार समिति की अनुशंसा को दबाने पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि आचार समिति की रिपोर्ट अब जब आ गई है तो इसे सदन के पटल पर रखने की आवश्यकता है.
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पटना : बिहार विधान सभा के पूर्व स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा विजय सिन्हा ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है. विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने भी महागठबंधन की सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. आरोप ऐसा वैसा नहीं है भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. इसमें पैसे की अनियमितता की बात कही गई है.
बिहार सरकार कर रही है जनादेश का अपमान
बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जनादेश का अपमान कर लोकतंत्र की खूबसूरती को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं. कल सदन आहूत हुआ. कार्यसूची हमने जो बनाया था उसे चेंज कर दिया गया. कार्यसूची में बदलाव निर्धारित नियम एवं प्रावधान के विरुद्ध अलोकतांत्रिक तरीके से किया गया, जिसको लेकर हम लोगों को गुस्सा है.
आचार समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
उन्होंने आगे कहा कि विधान सभा के अंदर मामला आया था वह घोटाले से जुड़ी हुई थी. ऐसे में घोटाले को सदन के पटल पर रखना चाहिए था, लेकिन इसे सदन के पटल पर क्यों नहीं रखा गया. जबकि दूसरा प्रतिवेदन अचार समिति की रिपोर्ट का था. इसपर कार्रवाई की बात थी. उन्होंने गत वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए भारी हंगामे और तत्कालीन विपक्ष के विधायकों द्वारा आसन के साथ किए गए दुर्व्यवहार मामले में आचार समिति की अनुशंसा को दबाने पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि आचार समिति की रिपोर्ट अब जब आ गई है तो इसे सदन के पटल पर रखने की आवश्यकता है. ऐसे में हम इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हैं. इसे शुक्रवार की कार्यसूची में जोड़ा जाए, क्योंकि ये मामला विधानसभा के अंदर आया था.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार जीरो टोलरेंस की बात करती है तो इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने में क्या परेशानी है. सदन के अंदर संविधान के ज्ञाताओं के द्वारा पाठ पढ़ाया जा रहा था और हमने भी संयम रखा था.
सम्राट चौधरी बोले- सदन से लेकर सड़क तक सरकार के खिलाफ होगा आंदोलन
इधर विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सदन में संसदीय कार्य मंत्री हो या CM दोनों ने सदन की मर्यादा को अवहेलना की है. हम सब को पाई-पाई का हिसाब चाहिए. यदि पटल पर नहीं आता है तो सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन होगा. सुपर CM बनकर तेजस्वी यादव बगल में बैठे थे. CAG की रिपोर्ट को ले आउट करना होगा. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने रुपए का घोटाला है. उन्होंने आगे कहा कि मंत्रिमंडल में 72 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री दागी हैं, परंतु नीतीश कुमार की बोलती बंद है तो जीरो टालरेंस की बात करते हैं आज तो इस नीति की हवा निकल गई है. हम सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं. एक-एक पैसे का हिसाब लिया जाएगा.
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