BJP Reaction: मोदी ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 69% आरक्षण के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा और कहा कि उनके पास लोकसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए संविधान में संशोधन करने की लंबी प्रक्रिया होती है, और ऐसा करने के लिए सभी दलों की सहमति चाहिए.
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पटना: बिहार में आरक्षण की सीमा को 9वीं अनुसूची में शामिल करने पर बहस चरम पर है. जहां देखों इस मुद्दे को लेकर बिहार में जगह-जगह चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने अपनी राय रखी हैं.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार का दावा है कि आरक्षण को 9वीं सूची में शामिल करना चाहिए. इस पर कोई चुनौती नहीं होगी और कोई न्यायालयी प्रक्रिया नहीं होगी, यह गलत है. उन्होंने याद दिलाया कि 2007 में ही सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया है कि किसी भी नियम को 9वीं अनुसूची में शामिल करना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
मोदी ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 69% आरक्षण के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और इस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा और कहा कि उनके पास लोकसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए संविधान में संशोधन करने की लंबी प्रक्रिया होती है, और ऐसा करने के लिए सभी दलों की सहमति चाहिए.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ये लोग केंद्र से बहकर गलत प्रचार करके कानूनी लड़ाई लड़ने की बजाय सही मार्ग पर चलें. मोदी ने यह भी कहा कि जो लोग यहां झूठा प्रचार कर रहे हैं, उन्हें इसका सामर्थ्य नहीं है. अधिकतम लोग इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और सरकार और विपक्ष के बीच मुद्दा गरम है. इस मामले में आगे कैसे बढ़ता है, यह देखना बहुत महत्वपूर्ण है.
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