Rupauli By-Election Result: पूर्णिया में एक महीने में फ्लॉप हुए पप्पू यादव! बीमा को नहीं दे पा रहे पॉलिटिकल कवर
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Rupauli By-Election Result: पूर्णिया में एक महीने में फ्लॉप हुए पप्पू यादव! बीमा को नहीं दे पा रहे पॉलिटिकल कवर

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव हारने के बाद अब विधानसभा उपचुनाव में भी बीमा भारती काफी पिछड़ती नजर आ रही हैं. अगर वह चुनाव हार गईं तो उनकी पॉलिटिक्स खतरे में पड़ जाएगी. 

पप्पू यादव

Bihar Politics: बिहार की रुपौली विधानसभा पर हुए उपचुनाव की काउंटिंग जारी है. चार राउंड की गिनती में जेडीयू के कलाधर मंडल आगे चल रहे हैं. उन्हें 5 हजार से ज्यादा वोटों की लीड मिल चुकी है. वहीं आरजेडी की बीमा भारती तीसरे नंबर पर चल रही हैं. दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह जमे हुए हैं. इससे साफ जाहिर है कि बीमा भारती से बेहतर चुनाव शंकर सिंह ने लड़ा है. शुरुआती रुझान अगर नतीजों में बदल गए तो बीमा भारती की पॉलिटिक्स खतरे में पड़ जाएगी. क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार का साथ छोड़कर लालू यादव की पार्टी ज्वाइन की थी. पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने रुपौली के विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था. 

लोकसभा चुनाव में भी बीमा भारती को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. तेजस्वी यादव द्वारा पूरी ताकत झोंकने के बाद भी बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही थीं. पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय पप्पू यादव ने जीत हासिल की थी, जबकि जेडीयू के संतोष कुमार दूसरे नंबर पर रहे थे. लोकसभा चुनाव में भले ही पप्पू यादव को बीमा भारती से दिक्कत रही हो, लेकिन रुपौली उपचुनाव में वह उनका समर्थन कर रहे थे. इसके बावजूद जेडीयू प्रत्याशी को बड़ी लीड मिलने से पप्पू यादव की राजनीतिक हनक पर अभी से सवाल उठने लगे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी है कि पूर्णिया में महज एक महीने में ही पप्पू यादव फ्लॉप साबित हो रहे हैं. वह बीमा को राजनीतिक कवर देने में असफल साबित होते दिख रहे हैं.

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बता दें कि पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ज्वाइन की थी. लेकिन इसके बावजूद राजद अध्यक्ष लालू यादव ने इस सीट को अपने पास रख लिया था. उन्होंने बीमा भारती को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया था. जिससे नाराज होकर पप्पू यादव ने निर्दलीय ताल ठोक दी थी. बीमा का समर्थन करते हुए तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव को हरवाने की अपील की थी. इसके बावजूद पप्पू यादव को बड़ी जीत हासिल हुई थी. चुनाव जीतने के बाद पप्पू खुद को कांग्रेस का सिपाही बताते हैं और अब कांग्रेस की गाइडलाइन को फॉलो कर रहे हैं.

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