Nitish Kumar Government: महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में जिस तरह से महिलाओं के लिए लांच की गईं योजनाओं ने लाभ दिलाया है, उससे बाकी राज्य सरकारें भी सीखेंगी और नई योजनाएं लांच करने की सोचेंगी. हालांकि बिहार में महिलाओं पर आधारित कई सारी योजनाएं पहले से चल रही हैं, लेकिन चुनाव में जाने से पहले संभव है कि नीतीश सरकार कोई नई योजना लेकर आए.
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बिहार में अगले साल अक्टूबर में चुनाव होने वाले हैं और उस चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. वैसे तो नीतीश कुमार की सरकार के पास गिनाने के लिए पिछले 20 साल की उपलब्धियां हैं, लेकिन इसके साथ ही एंटी इनकमबेंसी का भी फैक्टर हो सकता है. महागठबंधन की ओर से इसकी फैक्टर को भुनाने की कोशिश की जा सकती है. एनडीए के रणनीतिकार इस बात को बखूबी समझते हैं. इसलिए बिहार में भी महिलाओं को लुभाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार कोई बड़ी स्कीम लांच कर सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि हाल ही में हुए महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में महिलाओं के लिए दी गई स्कीम का लाभ सत्ताधारी दलों को मिला है और वह भी प्रचंड तरीके से. महाराष्ट्र और झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश में भी महिलाओं के लिए शुरू की गई स्कीम को जबर्दस्त रिस्पांस मिला था और भाजपा सरकार की फिर से वापसी हुई थी. वैसे तो बिहार सरकार महिलाओं के लिए बहुत सारी योजनाएं संचालित करती है, लेकिन मईयां सम्मान या फिर लाडली बहना योजना की तरह कोई फ्लैगशिप स्कीम का ऐलान किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो बिहार की महिलाओं को बड़ी वित्तीय मदद मिल सकती है.
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सभी पार्टियों को मिल गया जीत का फार्मूला
एनडीए के रणनीतिकार जानते हैं कि अगले चुनाव में राजद महिलाओं के लिए ऐसी कोई स्कीम लाने का ऐलान अपने घोषणापत्र में कर सकता है, क्योंकि झारखंड में महागठबंधन को मिली सफलता से जीत का एक फॉर्मूला मिल गया है. झारखड की हेमंत सोरेन की सरकार ने कुछ महीने पहले ही मईयां सम्मान योजना लांच किया था और चुनावों में महागठबंधन को भारी विजय मिली. इसी तरह, महाराष्ट्र में भी चुनावों से कुछ महीने पहले लाडली बहना स्कीम को लांच किया गया था और वहां महायुति को अब तक का सबसे बड़ा बहुमत मिला है.
बजट में सरकार कर सकती है ऐलान
इसी तरह की स्कीम कर्नाटक में भी शुरू की गई है, जिसे गृहलक्ष्मी योजना नाम दिया गया है. आने वाले कुछ दिनों में सभी राज्य सरकारें इस तरह की स्कीम को लांच कर सकती हैं और अपनी सरकारें बचाने की कवायद कर सकती हैं. ऐसे में बिहार की नीतीश कुमार की सरकार भी पीछे कैसे रह सकती है. महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के परिणामों को देखते हुए सरकार इस बात पर मंथन जरूर कर रही होगी. उम्मीद कर सकते हैं कि अगले साल के लिए पेश होने वाले बजट में महिलाओं के लिए इस तरह की कोई नई स्कीम लांच की जा सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो महागठबंधन इसका फायदा उठा सकता है. इसमें किसी को कोई दोराय नहीं होनी चाहिए.
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बिहार में महिलाओं के लिए स्कीम
बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू की है. इस योजना में राज्य की महिलाओं को प्रतिमाह 4 हजार रुपये मदद दी जाएगी. यह योजना उनके लिए शुरू की गई है, जिनके पति का निधन हो चुका है या फिर वे तलाकशुदा हैं. जिन बच्चों के माता पिता नहीं हैं, उनको भी इस योजना का लाभ मिल सकता है.
मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना
महिलाओं के अलावा बहुत सारी योजनाएं चलाने के अलावा बिहार की नीतीश कुमार की सरकार बालिकाओं के लिए साइकिल योजना चलाती है. इस योजना में स्कूल जाने वाली बच्चियों को साइकिल खरीदने के लिए पैसे दिए जाते हैं. सरकार ने यह योजना इसलिए लागू की है, ताकि बच्चियां स्कूल जा सकें और उन्हें पढ़ाई में ज्यादा परेशानी न हो. इस योजना के तहत सरकार बच्चियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे खातों में 3000 रुपये की मदद देती है. अब तक बिहार सरकार ने 8,71,000 बच्चियों को मुफ्त साइकिल देने के लिए 174.36 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
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गर्भवती महिलाओं को वित्तीय मदद
गर्भवती महिलाओं को लेकर भी बिहार सरकार की ओर से स्कीम शुरू की गई है. इस योजना में ग्रामीण गर्भवती महिलाओं को 1400 तो शहरी गर्भवती महिलाओं को 1000 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव के बाद परिवार नियोजन के लिए स्थायी साधन यूज करने पर प्रसूता को 2000 रुपये और प्रसव के 7 दिन बाद परिवार नियोजन कराने पर 3000 रुपये दिए जाते हैं. गर्भवतियों को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शहरी क्षेत्र की आशाओं को 400 तो ग्रामीण आशाओं को 600 रुपये दिए जाते हैं.
पति की मौत या तलाकशुदा महिलाओं के 2 बच्चों के लिए 4000 रुपये
ऐसी महिलाएं, जिनके पति का निधन हो चुका है या फिर वे तलाकशुदा हैं तो उनके दो बच्चों की पढ़ाई लिखाई और पोषण के लिए बिहार सरकार की ओर से 4000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना का लाभ दो बच्चे तक ही उठा सकते हैं. योजना का लाभ पाने के लिए 18 साल से कम आयु का होना जरूरी है.
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना
नीतीश कुमार की सरकार ने महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना शुरू की है. इस योजना में बिजनेस करने के लिए महिलाओं को एकमुश्त 10 लाख रुपये लोन के रूप में देती है. योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. आत्मनिर्भर होने के साथ ही ऐसी महिलाएं रोजगार का सृजन भी कर सकती हैं.
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बेटी पैदा होने पर अभिभावकों को 5000 रुपये
बिहार को भले ही पिछड़ा राज्य कहा जाता है, लेकिन यहां सामाजिक सुरक्षा के नाम पर नीतीश कुमार की सरकार बहुत सारी योजनाएं शुरू की हैं. इसी में से एक योजना है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना. कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए नीतीश कुमार की सरकार यह योजना चला रही है. इस योजना में बेटी पैदा होने पर अभिभावकों को 5000 रुपये की राशि दी जाती है. योजना का लाभ एक परिवार में अधिकतम 2 बेटियों के लिए ही मिल सकता है. इस योजना में लड़की के 18 साल पूरा होने पर कुल 25 हजार रुपये बैंक खाते में भेजी जाती है.
क्या है मईयां सम्मान योजना?
झारखंड की हेमंत सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के अंत में मईयां सम्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अनुसार, राज्य की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाएंगे. इस तरह एक महिला को साल में 30,000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है. योजना की शुरुआत में 1000 रुपये ही दिए जाने का प्रावधान था, लेकिन बाद में सरकार ने इस राशि को डेढ़ गुना बढ़ा दिया था. रजिस्ट्रेशन करवा चुकीं महिलाओं के खाते में यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत भेजी जाती है. 18 से 50 साल की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं. इस योजना का लाभ पाने की सबसे जरूरी शर्त यह है कि परिवार अंत्योदय श्रेणी का होना चाहिए.
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क्या है लाडली बहन योजना?
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 जनवरी, 2023 में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. इस योजना की लाभार्थियों को हर महीने 1250 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे उनके अकाउंट में भेजा जाना है. योजना की शुरुआत में यह राशि केवल 1000 रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया. हर महीने की 5 तारीख को यह राशि राज्य सरकार की ओर से जारी की जाती है.
आंकड़े बताते हैं कि लाडली बहना योजना से करीब 4 लाख 77 हजार महिलाओं को लाभ मिल रहा है. 2.50 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवार की महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकता है. इसके अलावा, परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक किसानी जमीन नहीं होनी चाहिए और परिवार का कोई भी व्यक्ति टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए. परिवार का कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में भी नहीं होना चाहिए. 60 साल से कम उम्र की महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है.
क्या है मुख्यमंत्री माझी लाडली बहन योजना?
मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की सफलता को देखते हुए महाराष्ट्र की महायुति की सरकार ने भी ऐसी ही एक योजना शुरु की है. मुख्यमंत्री माझी लाडली बहन योजना में लाभार्थी महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाते हैं. अब तक महिलाओं को 5 किस्तें दी जा चुकी हैं. राज्य की करीब 2 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है. चुनावों में महायुति ने ऐलान किया था कि सत्ता में लौटने पर इस योजना की राशि 2100 रुपये कर दी जाएगी.
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क्या है कर्नाटक की गृहलक्ष्मी योजना?
कर्नाटक की सरकार ने भी ऐसी ही एक योजना रक्षाबंधन के मौके पर लांच की है, जिसका नाम गृहलक्ष्मी योजना है. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए दिए जाने का प्रावधान है. ये पैसे उन परिवारों को मिलेंगे, जिनकी मुखिया कोई महिला है. इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को वित्तीय मदद पहुंचाना है.