Bihar Politics: आरसीपी सिंह की 'आसा' में पदाधिकारियों का ऐलान, इस नेता को मिली बिहार की जिम्मेदारी
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Bihar Politics: आरसीपी सिंह की 'आसा' में पदाधिकारियों का ऐलान, इस नेता को मिली बिहार की जिम्मेदारी

RCP Singh Party: प्रीतम सिंह को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इसके अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल कुमार सनातन उर्फ पंचम श्रीवास्तव को पार्टी उपाध्यक्ष सह मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी मिली है.

आरसीपी सिंह

RCP Singh Party: बिहार में प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' के बाद एक और नई पार्टी का गठन हो गया. पीके की देखादेखी पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भी अपनी अलग पार्टी 'आसा' यानी 'आप सबकी आवाज' की स्थापना कर चुके हैं. उन्होंने बीजेपी छोड़कर अपनी पार्टी की नींव रखी और आज (मंगलवार, 12 नवंबर) उसकी रूपरेखा भी खींच दी. आरसीपी सिंह ने अपनी नई-नवेली पार्टी 'आसा' यानी 'आप सबकी आवाज' में पदाधिकारियों की घोषणा कर दी है. प्रीतम सिंह को बिहार की जिम्मेदारी सौंपते हुए आरसीपी सिंह ने उन्हें बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. वहीं पार्टी उपाध्यक्ष सह मुख्य प्रवक्ता के रूप में लेफ्टिनेंट कर्नल कुमार सनातन उर्फ पंचम श्रीवास्तव को चुना है.

आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी आसा में उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, महासचिव आदि पदों पर भी नियुक्तियां कर दी हैं. विपिन कुमार यादव को उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी मिली है. शिवशंकर चौधरी, देव नारायण प्रसाद, राजेन्द्र साह, लव किशोर निषाद, बृजकिशोर पंडित, आलोक वर्द्धन, राम मोहन झा समेत 26 लोगों को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अपनी पार्टी को सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं. राष्ट्रीय पटल पर पार्टी को खड़ा करने के लिए जितेन्द्र प्रसाद को महाराष्ट्र, मुकेश कुमार को राजस्थान और शिशिर कुमार साह को दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.

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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी की स्थापना करके आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार को टेंशन दे दी है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ही आरसीपी सिंह को राजनीति में लेकर आए थे. दोनों एक ही जाति- कुर्मी समुदाय से आते हैं और दोनों ही नालंदा के रहने वाले हैं. इतना ही नहीं वह जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लिहाजा, जेडीयू के वोटबैंक में वह आसानी से सेंधमारी कर सकते हैं. सीएम नीतीश कुमार पिछले 20 साल से लव-कुश (कुर्मी-कुशवाहा) गठजोड़ का फायदा उठा रहे हैं. अब बिहार में कुर्मी जाति की आबादी 2.87 फीसदी हैं. आरसीपी पिछले कुछ समय से कुर्मी बहुल इलाकों में काफी सक्रिय थे.

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