गठबंधन का चेहरा तो बनाया नहीं, भाषण का अंग्रेजी अनुवाद की मांग करने लगे, सीएम नीतीश कुमार आपे से बाहर हो गए
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2020298

गठबंधन का चेहरा तो बनाया नहीं, भाषण का अंग्रेजी अनुवाद की मांग करने लगे, सीएम नीतीश कुमार आपे से बाहर हो गए

नीतीश कुमार के भाषण पर टीआर बालू ने अंग्रेजी में ट्रांसलेशन की मांग कर दी तो मुख्यमंत्री का पारा हाई हो गया और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की. इस पर वामपंथी नेताओं ने बीचबचाव किया. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

इंडिया ब्लॉक की दिल्ली में हुई चौथी बैठक में बिहार के नजरिए से देखें तो सबकुछ सामान्य नहीं था. एक तो नीतीश कुमार जिस आस में ​बैठक के लिए दिल्ली रवाना हुए थे, वो आस टूट रही थी. गठबंधन का चेहरा या फिर ​पीएम पद के लिए चेहरा बनाने को लेकर नीतीश कुमार के नाम पर चर्चा तक नहीं हुई. उसके बाद जब नीतीश कुमार ने बैठक को संबोधित करना शुरू किया तो उनके भाषण को अंग्रेजी में अनुवाद करने की मांग की जाने लगी. इस पर नीतीश कुमार उखड़ गए. उन्होंने हिंदी भाषा को लेकर दक्षिण भारत के नेताओं को ज्ञान दे डाला और अपने भाषण का अंग्रेजी में अनुवाद करवाने से मना कर दिया. 

हुआ यूं कि नीतीश कुमार जब विपक्षी गठबंधन की बैठक को संबोधित करने लगे, तब दक्षिण भारत के नेता टीआर बालू ने उनके संबोधन का इंग्लिश में अनुवाद करने के लिए राजद सांसद मनोज झा से कहा. टीआर बालू ने कहा कि नीतीश कुमार जी की बात समझने में दिक्कत हो रही है. इसलिए राजद सांसद मनोज झा जी से निवेदन है कि वे नीतीश कुमार जी के संबोधन का अंग्रेजी में अनुवाद कर दें. 

इस पर राजद से राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसके लिए इजाजत मांगी. इसी बात पर नीतीश कुमार भड़क गए. नीतीश कुमार ने कहा, हम अपने देश को हिंदुस्तान कहते हैं. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें ये भाषा पता होनी चाहिए. नीतीश कुमार ने इस बात को लेकर आपत्ति जताई कि उनकी सरल हिंदी भाषा भी समझने में दक्षिण भारत के नेताओं को परेशानी हो रही है. 

हालांकि कुछ वामपंथी नेताओं ने बीचबचाव किया और कहा कि भाषा को बीच में नहीं लाना चाहिए. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन का ट्रांसलेशन करवाने से मना कर दिया.

Trending news