JDU News: दिल्ली सेवा बिल के बहाने भाजपा ने नीतीश कुमार के साथ कर दिया खेला, हरिवंश ने नहीं माना जेडीयू का व्हिप
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JDU News: दिल्ली सेवा बिल के बहाने भाजपा ने नीतीश कुमार के साथ कर दिया खेला, हरिवंश ने नहीं माना जेडीयू का व्हिप

JDU News: दिल्ली सेवा बिल सोमवार को रात 10 बजे के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इससे पहले दिल्ली सेवा बिल को लोकसभा से पास किया गया था. इस तरह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली का बॉस उपराज्यपाल ही होंगे. राज्यसभा से बिल के पारित होने के समय भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री के साथ खेला कर दिया.

JDU News: दिल्ली सेवा बिल के बहाने भाजपा ने नीतीश कुमार के साथ कर दिया खेला, हरिवंश ने नहीं माना जेडीयू का व्हिप

पटना: JDU News: दिल्ली सेवा बिल सोमवार को रात 10 बजे के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इससे पहले दिल्ली सेवा बिल को लोकसभा से पास किया गया था. इस तरह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली का बॉस उपराज्यपाल ही होंगे. राज्यसभा से बिल के पारित होने के समय भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री के साथ खेला कर दिया. दरअसल, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने दिल्ली सेवा बिल को लेकर तीन लाइन का व्हिप जारी किया था. यह व्हिप राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर भी लागू था, लेकिन राज्यसभा में जब दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग की बारी आई तो हरिवंश सभापति के आसन पर पहुंच गए और इस तरह से वे बिल के खिलाफ मतदान नहीं कर पाए.

दिल्ली सेवा बिल पर जब सभी सदस्यों के सवालों का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दे दिया तो राज्यसभा के सभापति ओमप्रकाश धनखड़ आसन छोड़ गए और उपसभापति हरिवंश वहां आसीन हो गए. उपसभापति ने ही दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया को संपन्न कराया. सभापति के आसन पर होने के कारण वे मतदान में भाग नहीं ले पाए. नियम यह है कि जब वोट टाई हो जाए यानी दोनों तरफ बराबर वोट पड़ेंगे तो सभापति के आसन पर आसीन व्यक्ति मतदान कर सकता है और उनका वोट निर्णायक होता है.

दिल्ली सेवा बिल पर यह नियम लागू नहीं हुआ क्योंकि बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े तो खिलाफ में केवल 102 वोट ही डाले गए. इस तरह बिल भारी बहुमत से पारित हो गया. वोट टाई न होने के कारण सभापति के वोट की जरूरत ही नहीं पड़ी और इस तरह हरिवंश वोटिंग नहीं कर पाए. इससे पहले जब नई संसद का उद्घाटन हो रहा था, तब जेडीयू ने उस समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया था, लेकिन राज्यसभा के उपसभापति होने के नाते हरिवंश ने इस समारोह में बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया था. यहां तक कि उन्होंने नई संसद को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए पीएम मोदी की भूरि—भूरि प्रशंसा भी की थी.

जेडीयू को यह बात खल गई और पार्टी की ओर से कहा गया कि आज आपने अपनी पत्रकारिता को भी गिरवी रख दिया. पार्टी ने मर्यादा उल्लंघन को लेकर हरिवंश को तमाम खरी—खोटी सुनाई थी और अंतरात्मा को लेकर भी सवाल उठा दिया था. हालांकि, पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार की उपसभापति हरिवंश की मुलाकात के बाद माना गया कि मामले का पटाक्षेप हो गया है. लेकिन अब दिल्ली सेवा बिल पर पार्टी की रुख से इतर जाने के बाद देखना होगा कि जेडीयू राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को लेकर क्या रुख अपनाती है.

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