Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम राज्य सरकार को नहीं रोक सकते, नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में मांगा जवाब
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Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम राज्य सरकार को नहीं रोक सकते, नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में मांगा जवाब

Bihar Caste Census: बिहार में जातीय जनगणना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मसले पर दखल देने से इनकार कर दिया. हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जनवरी में इस मामले पर विस्तृत सुनवाई होगी. 

सुप्रीम कोर्ट

Bihar Caste Census: जातीय जनगणना के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जातीय जनगणना पर आगे बढ़ने से रोकने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ताओं से कहा, हाई कोर्ट का आदेश बहुत विस्तृत है कि पॉलिसी के लिए डेटा क्यों जरूरी है. आकंड़े अब सार्वजनिक हो चुके है. ऐसे में याचिकाकर्ता अब हमसे क्या चाहते हैं. इस पर याचिककर्ताओं के वकील ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के रुख का इतंज़ार किए बगैर आंकड़े जारी कर दिए गए. SC ने याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर यथास्थिति का आदेश देने से इंकार किया. कोर्ट ने कहा-  हम राज्य सरकार को नहीं रोक सकते. हालांकि कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब मांगा. मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम किसी सरकार को नीतिगत मामले में कोई फैसला लेने से नहीं रोक सकते. जातिगत सर्वे के डेटा का वर्गीकरण जैसे पहलुओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट ने इस पर विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत भी बताई.

इससे पहले महात्मा गांधी की जयंती यानी 2 अक्टूबर को नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े को सार्वजनिक कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नीतीश सरकार को आगाह किया कि लोगों के निजी आंकड़ों को सार्वजनिक न किया जाए. मामले की विस्तृत सुनवाई जनवरी में शुरू होगी. 

जातीय जनगणना पर हाई कोर्ट से नीतीश सरकार को ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए तारीख तय की थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

2 अक्टूबर को बिहार सरकार की ओर से जातीय जनगणना के जो आंकड़े जारी किए गए थे, उसके अनुसार राज्य में अति पिछड़ा वर्ग यानी ईसीबी की आबादी 36.01 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और सवर्णों की आबादी 15.52 फीसद है. राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक बताई गई है.

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