Bihar Agriculture Minister: बिहार सरकार के नए कृषि मंत्री भ्रष्टाचार को लेकर सवालों के घेरे में हैं. उनके ऊपर करोड़ों रुपए के एसएफसी का चावल गबन का आरोप है. ये घोटाला 2013-14 में हुआ था.
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात करते हो, लेकिन नीतीश सरकार की मंत्रिमंडल महागठबंधन की सरकार बनते ही एक बार फिर से दागी मंत्रियों को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है. एक तरफ बिहार के कानून मंत्री को कोर्ट में पेश होने के लिए वारंट जारी है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार के नए कृषि मंत्री और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह भी भ्रष्टाचार को लेकर सवालों के घेरे में हैं. उनके ऊपर भी करोड़ों रुपए के एसएफसी का चावल गबन का आरोप है, एसएफसी ने इस मामले में साल 2013 में रामगढ़ थाने में गबन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
2013 में दर्ज हुई प्राथमिकी
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने चावल गबन के आरोप को लेकर अपनी सफाई दी है और कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार है. बीजेपी सबसे बड़ी झूठी पार्टी है. नीतीश कुमार आरजेडी का ये गठबंधन सही है. भाजपा और जदयू का गठबंधन बेमेल था. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम लोग कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करेंगे. बता दें कि रामगढ़ थाने में राज्य के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर दर्ज कांड संख्या 184/13 है. धान मिलिंग के लिए सुधाकर सिंह द्वारा जो मिल रजिस्टर्ड कराया गया था, सोन वैली राइस मिल और सुधाकर राइस मिल का नाम शामिल उसमें है.
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नीतीश सरकार ने किया था केस
ये घोटाला 2013-14 में हुआ था. कृषि मंत्री के उपर ये आरोप था कि उन्होंने चावल जमा करने के बजाए उसका गबन कर गए. ये मामला न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में अभी भी लंबित है. उन पर रामगढ़ थाने में ही केस हुआ था. बता दें कि सुधाकर सिंह ने राजद के टिकट पर रामगढ़ विधानसभा से जीत दर्ज की थी. चावल घोटाले में शामिल सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाना इसलिए भी अजीब लगता है, क्योंकि नीतीश कुमार की सरकार ने ही उन पर चावल घोटाले का केस किया था.