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पटना : जमीन के बदले नौकरी के मामले में जांच की आंच लालू प्रसाद यादव के परिवार तक पहुंच गई है. CBI की टीम इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची है.मतलब इस मामले में लालू परिवार को जांच एजेंसी की तरफ से एक बार फिर झटका दिया गया है. सोमवार को सीबीआई की टीम इस मामले में जांच के लिए पटना स्थित राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची है. सूत्रों की मानें तो लालू परिवार से जमीन के बदले करीबियों को रेलवे में नौकरी के मामले में पूछताछ की जा रही है.
दिल्ली की एक अदालत ने भी लालू परिवार के खिलाफ जारी किया है समन
सीबीआई की टीम 10 सर्कुलर रोड सुबह 10.30 बजे तीन-चार अधिकारियों के साथ पहुंची और अनुमति लेकर आवास में प्रवेश किया और अब टीम राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही है. इसका मतलब साफ है कि इस मामले में एक बार फिर से लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने 15 मार्च को लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत अन्य आरोपितों को समन जारी कर अदालत के समक्ष जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में पेश होने का आदेश दिया है. सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने ये समन जारी किया है. इसमें लालू, राबड़ी समेत 16 आरोपितों के नाम शामिल हैं.
क्या है नौकरी के बदले जमीन मामला
दरअसल लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते बड़े पैमाने पर लोगों को रेलवे के ग्रुप डी में बहाल किया गया. सीबीआई की माने तो लालू के रेलमंत्री के कार्यकाल 2004-2009 के दौरान अपने करीबियों से नौकरी के बदले लालू परिवार को तोहफे में या कम दाम में जमीन मिली. इस घोटाले के मामले में लालू यादव के बेटे और अभी बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भी नाम शामिल है. इस मामले पर सीबीआई ने 2022 में 16 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल किया था. वहीं जुलाई में सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार भी किया था. ये वही भोला यादव थे जो लालू के रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी थे.
लैंड फॉर जॉब स्कैम में आखिर कैसे फंसा लालू परिवार
दरअसल यह मामला 14 साल पुराना है. जिसमें सीबीआई ने सीबीआई ने साल 2022 में 18 मई को केस दर्ज किया जिसमें यह तथ्य था कि रेलवे के ग्रुप डी के पदों पर पहले तो लोगों की बहाली अस्थायी तौर पर की गई और जैसे ही जमीन का सौदा हो गया सभी को रेगुलर (स्थायी) कर दिया गया. वहीं सीबीआई ने यह भी कहा कि पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर लालू परिवार ने कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इसमें यह भी लिखा गया है कि यह जमीने सस्ते दरों में बेची गई थी और इसका सौदा नकद में किया गया था. जिसे लालू परिवार ने खरीदा था.
इसके साथ ही सीबीआई ने यह भी पाया कि बहाली के लिए किसी तरह का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था लेकिन जैसे ही लालू परिवार को जमीन मिली इन सबकी नौकरी पक्की कर दी गई. वहीं इससे पहले ED ने माना था कि नौकरी पाने वाले कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को जल्दीबाजी में अप्रूव कर दिया गया. इसमें से तो कई आवेदकों के आवेदन तीन दिन में अप्रूव हो गए तो कई विज्ञापन जिनको पूरी तरह से भरा भी नहीं गया था जैसे जिसमें पता तक नहीं डला था वह भी अप्रूव हो गया. इसमें बताया गया की 7 लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई. इसमें से 5 जमीन तो औने-पौने दाम में खरीदी गई और दो जमीन को गिफ्ट के तौर पर दिखाया गया. बता दें कि नौकरी के बदले ली गई सभी जमीन पटना में ही है. इन जमीनों की कीमत 4,39,80,650 रुपए की बताई जा रही है.