वक्फ बोर्ड ने फतुहा की जमीन पर ठोका था दावा, अब नए कानून पर पटना लॉ कॉलेज के चांसलर की राय लेगी जेपीसी
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वक्फ बोर्ड ने फतुहा की जमीन पर ठोका था दावा, अब नए कानून पर पटना लॉ कॉलेज के चांसलर की राय लेगी जेपीसी

JPC on Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करने के लिए बनी जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति ने 19 सितंबर को अपनी राय देने के लिए पटना लॉ कॉलेज के चांसलर को बुलाया है. पटना लॉ कॉलेज फतुहा से केवल 27 किलोमीटर दूर है, जहां की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोक दिया था. 

पटना लॉ कॉलेज, पटना

Waqf Board Amendment Bill 2024: वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने 19 सितंबर को पटना लॉ कॉलेज के चांसलर को बुलाया है. जेपीसी की अब तक 4 बैठक हो चुकी है और उसे आम लोगों से करीब 84 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा 70 बॉक्स के माध्यम से लिखित सुझाव भी प्राप्त हुए हैं. 16 सितंबर की रात तक जेपीसी को सुझाव दिया जा सकता है. जेपीसी की अगली बैठक 19-20 तारीख को होगी. 19 तारीख को पटना लॉ कॉलेज के चांसलर को बुलाया गया है. 20 सितंबर को जेपीसी अखिल भारतीय सज्जादानशीन परिषद-अजमेर, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और भारत फर्स्ट-दिल्ली से जुड़े लोगों से मिलने वाली है.

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इसके बाद समिति की अगली बैठक 26 तारीख से 1 अक्टूबर तक देश के अलग-अलग शहरों में होगी. इसमें मुस्लिम संगठन भी शामिल होंगे. इसके पश्चात जेपीसी विधेयक पर व्यापक विमर्श करने के बाद समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है. जेपीसी इसको शीतकालीन सत्र से पहले पेश करेगी. जेपीसी में चर्चा के दौरान विधेयक को सही पाया गया तो इसे संसद में पारित कर दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल हैं. जगदंबिका पाल ने बताया कि समिति का मकसद इस बिल से जुड़े सभी हितधारकों और लोगों के साथ विचार-विमर्श करना है. उन्होंने बताया कि 26 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच जेपीसी मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जाएगी. इस दौरान समिति वक्फ बोर्ड के लोगों, मुस्लिम स्कॉलर और बार काउंसिल सहित अन्य कई लोगों से मिलेगी. जेपीसी अक्टूबर में लखनऊ और कोलकाता समेत देश के कई अन्य शहरों का भी दौरा कर सकती है.

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इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शहीदुल्लाह मुंशी ने भी कहा था कि इस विधेयक पर संशोधन करने से पहले सरकार को आम जनता से राय लेनी चाहिए थी.

रिपोर्ट: आईएएनएस

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