वैशाली के हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कोनहारा घाट पर एक अद्भुत मेल लगता है. यह अनोखा मेला विश्व का सबसे बड़ा भूतों का मेला माना जाता है.
कुछ लोग अंधविश्वासों में अपनी आस्था रखते हैं. वहीं, अंधविश्वास की कहानी गंगा स्नान के दिन भूत प्रेत तंत्र मंत्र को दूर भगाने के लिए लोग तंत्र विद्या मंत्र विद्या का कोनहारा घाट पर चलते चिताओं के बीच श्मशान की राख से पूजा करते हैं.
जिला प्रशासन की तरफ से सभी वाहनों को प्रतिबंधित कर लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए जगह-जगह पर पुलिस फोर्स और अच्छी साफ सफाई की व्यवस्था की जाती है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो सके. वहीं, घाट पर पानी में बैरिकेडिंग भी की जाती है ताकि कोई गहरे पानी में नहीं जा सके. इसके साथ ही SDRF की टीम भी वहां तैनात होती है.
हाजीपुर नगर परिषद की तरफ से मेला में भव्य व्यवस्था का आयोजन किया जाता है. नगर परिषद कोनहारा घाट पर मेला का खास महत्व और हर साल लाखों लोगों की भीड़ को देखते हुए आयोजन करता है.
इतना ही नहीं बाबा लोग लोहे की बड़ी-बड़ी किले अपने पैर में एक सिरे से दूसरे सिरे तक चुभा लेते हैं. एक के बाद एक आधे दर्जन सुई को डालता हैं, लेकिन दवा है एक बूंद भी खून नहीं निकलेगा और यह वह भगवान की शक्ति है.
मेले में आए औघड़ तांत्रिक अजीबोगरीब कारनामा दिखाते हैं. वह इलेक्ट्रिक बल्ब की कांच को मुंह में सरेआम लोगों के बीच दांतों से चबा जाते हैं. वह दावा कर रहे हैं कि यह सब भगवान की शक्ति है इसे उनको कुछ नहीं होता है.
गंगा स्नान में आए महिलाएं तरह-तरह के कर्तव्य दिखाते नजर आ रही हैं. वहीं, भगत का दावा है यही पूर्णिमा के दिन आकर पूजा अर्चना किया और हमारी सारी बीमारी ठीक हो गई जितने लोग इतने तरह के दावे करते हैं.
कोनहारा घाट पर चारों तरफ जलते लाश की चिताओं के बीच अद्भुत और कई तरह की लोग साधना करते नजर आ रहे हैं. इसको देखने के लिए भीड़ वहां पहुंचती है.
इस घाट पर लाखों की संख्या में श्रद्धालू और कोनहारा घाट पर गंगा और गंगा के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से आते हैं. कोई पटना से तो कोई मुजफ्फरपुर से बिहार के कई बड़े शहरों से लोग अपने आस्था और विश्वास की डुबकी लगाने के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन हाजीपुर के ऐतिहासिक कौन कोनहारा घाट पहुंचते हैं.
हाजीपुर के ऐतिहासिक कोहरा घाट पर लाखों की वीर श्रद्धालु गंगा स्नान करते हुए महिलाएं और पुरुष भूत की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं कुछ लोग जलती चिताओं के बीच पूजा अर्चना करते हुए तांत्रिक अजीबोगरीब हैरतअंगेज कारनामा नाम दिखाते हुए शीशे की बल्ब चबाते है और अपने पैर में लोहे की बड़ी-बड़ी सुई को चुभोते हैं.
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