प्रशांत किशोर के बयान पर वीआईपी का पलटवार: 'केवल मछली पकड़ना ही नहीं राजनीतिक नौका भी पार लगाती है VIP'
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प्रशांत किशोर के बयान पर वीआईपी का पलटवार: 'केवल मछली पकड़ना ही नहीं राजनीतिक नौका भी पार लगाती है VIP'

विकासशील इंसान पार्टी का कहना है कि मला समाज केवल मछली पकड़ना ही नहीं जानता है, बल्कि वह अन्य दूसरे दलों की राजनीतिक वैतरणी को भी पार लगाने में सक्षम है, यह बातें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कही.

प्रशांत किशोर के बयान पर वीआईपी का पलटवार: 'केवल मछली पकड़ना ही नहीं राजनीतिक नौका भी पार लगाती है VIP'

पटना: विकासशील इंसान पार्टी का कहना है कि मला समाज केवल मछली पकड़ना ही नहीं जानता है, बल्कि वह अन्य दूसरे दलों की राजनीतिक वैतरणी को भी पार लगाने में सक्षम है, यह बातें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कही.

'आप अपने वोट की कीमत क्यों नहीं समझते' 
दरअसल वीआईपी ने यह बयान प्रशांत किशोर के उस बयान के बाद अपनी कड़ी प्रतिक्रिया के रूप में दी. जिसमें जन सुराज यात्रा पर निकले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के उस बयान पर दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आप अपने वोट की कीमत क्यों नहीं समझते हैं? आपको मैं दूसरे नेता की तरह मछली खिलाने नहीं आया हूं. बल्कि मछली कैसे पकड़ा जाता है वह उसे सिखाने आया हूं.

'मल्लाहों ने समाज के हित के लिए किया कार्य'
देव ज्योति ने कहा कि भारत का इतिहास गवाह है कि भगवान श्रीराम से लेकर अब तक मल्लाहों ने समाज के हित के लिए ही कार्य किया है. आज भी राज्य की राजनीतिक हालात को देखे तो अब तक हाशिए पर रहने वाला मल्लाह समाज अपनी एकता के दम पर किसी भी पार्टी की सरकार को बनाने या बिगाड़ने की ताकत रखता है. पार्टी के संरक्षक पूर्व मंत्री सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के द्वारा जगाई गई अलख की ज्योति के कारण ही आज देश प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दल मल्लाहों की तरफ अपनी आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं.

'पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर'
देव ज्योति का यह भी कहना था कि अपनी पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर सरकार की कमियों की तरफ ध्यान आकृष्ट करा कर लोगों को उसके बारे में बताएं और सचेत करें, न कि वह लोगों या मल्लाहों को मछली खिलाने या पकड़ने की बात करें. लोगों में और विशेष रूप से मल्लाह समाज में इतनी जागृति तो जरूर आ गई है कि वह अपने हित और अहित का फैसला ले सकते हैं और यह जागृति सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के अथक परिश्रम का ही परिणाम है.

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