उपेंद्र कुशवाहा ने सीतामढ़ी में एक सभा के दौरान कहा कि सारा समीकरण महागठबंधन के पक्ष में है. उपचुनाव के जो चुनाव परिणाम आए हैं, उसमें महागठबंधन के उम्मीदवार मोकामा में भारी मतों से विजयी हुए
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पटनाः Bihar Politics: बिहार में 2 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम 6 नवंबर को ही आ गए थे, लेकिन राजनीति अभी भी जारी है. एक सीट पर आरजेडी की जीत हुई तो दूसरी सीट गोपालगंज पर बीजेपी की, लेकिन जेडीयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा इस जीत का क्रेडिट बीजेपी को नहीं देकर बल्कि विपक्ष के दो पार्टी और उम्मीदवार पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.
सीतामढ़ी में बोले कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने सीतामढ़ी में एक सभा के दौरान कहा कि सारा समीकरण महागठबंधन के पक्ष में है. उपचुनाव के जो चुनाव परिणाम आए हैं, उसमें महागठबंधन के उम्मीदवार मोकामा में भारी मतों से विजयी हुए. गोपालगंज में मात्र 2100 वोट से महागठबंधन का उम्मीदवार पीछे रहा है. उसका कारण है एक तो सहानुभूति थी. यह किसी पार्टी की जीत नहीं सहानुभूति की जीत है. महागठबंधन के बीच से ही 2 उम्मीदवार बन गए या बना दिए गए जिनके खाते में लगभग 20000 वोट चला गया वह 20000 वोट महागठबंधन का ही है. ऐसे में महागठबंधन को यह वोट मिल जाता तो बीजेपी का उम्मीदवार 18000 वोट से पीछे हो जाता और इसी तरह का समीकरण पूरे बिहार में बना हुआ है. जब लोकसभा का चुनाव आएगा तो देश और दुनिया के लोग देखेंगे 40 के 40 लोकसभा के सीट हमारे पक्ष में आएं.
बीजेपी ने किया पलटवार
JDU के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा कि जिनको पार्टी के अंदर कोई पूछता नहीं है तो बिना मतलब का समीक्षा करते है. सवाल यह है की आरजेडी में भी इनको अपनी हैसियत बचानी है. आरजेडी के लोग आघात नहीं करे कि JDU के कारण नुकसान हुआ है. जो लोग खड़े हुए थे एआईएमआईएम के लोग हो या बीएसपी के लोग हो, किसने खड़ा किया? जिन लोगों ने उनका समर्थन किया वह शहाबुद्दीन के परिवार के लोग कौन हैं? हमारे लोग हैं क्या, साधु यादव के लोग हमारे लोग हैं क्या? इस प्रकार के बयान उपेंद्र कुशवाहा देकर अपना मजाक खुद उड़ाना चाहते हैं. अपनी पार्टी के अंदर तवज्जो नहीं मिलने के कारण इस प्रकार से हताशा व निराशा का बयान है.
कांग्रेस ने किया कुशवाहा के बयान का समर्थन
कांग्रेस के प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का बयान सत्य है. क्योंकि कुछ वोट सुधा सिंह के श्रद्धांजलि के और कुछ बीजेपी के B टीम ने जो वोट काटे हैं उसी के कारण गोपालगंज का रिजल्ट इस तरह आया है. ए आईएमआईएम हैदराबाद उसके आसपास की उपचुनाव को नहीं लगती है और उन जगहों पर चुनाव लड़ने आती है, जहां सीधी लड़ाई में बीजेपी 100% हारेगी. ओवैसी जो बीजेपी के प्रमाणित B टीम हैं. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा की महागठबंधन हार कर भी गोपालगंज में चुनाव जीता है. जिस तरह से प्रत्याशियों को बीजेपी ने खरीदा. वोट काटने के लिए वह विषय खुलकर अब सामने आ गया है. आरजेडी बीजेपी के परंपरागत वोट को अपने पाले में लाने का काम किया है. आने वाला कल हमारे लिए सुखद है. बीजेपी ने वोट काटने का काम किस तरह से किया अभी अब खुलकर सामने आ गया है.