बिहार के बेगूसराय में दो दिन पूर्व बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ 11 लोगों को गोली मारी थी, जिसके बाद से बीजेपी नीतीश कुमार पर हमलावर है.
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पटना: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने गुरुवार को दावा किया कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि शराबबंदी अभियान पूरी तरह विफल रहा और अहम का विषय बनाए बिना इसकी समीक्षा की जरूरत है.
कब हुई मुलाकात?
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि 13 सितंबर को नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर उनकी मुलाकात हुई थी और यह सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक शिष्टाचार मुलाकात थी.
नीतीश कुमार से क्यों मिले प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने कहा, 'नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, मैं मई से बिहार में काम कर रहा हूं. तब से कई बार मिलने की बात हुई लेकिन मैं नहीं मिल पाया था. इसलिए शिष्टाचार के नाते मेरी उनसे मुलाकात हुई है.' जन सुराज अभियान के भविष्य और नीतीश कुमार के साथ जाने पर किशोर ने कहा, ‘जन सुराज अभियान और बिहार की बदहाली पर उनके रुख में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.'
मैं अपने रूख पर कायम: PK
आईपैक (IPAC) के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि जो रास्ता उन्होंने खुद के लिए तय किया है वह उस रास्ते पर कायम हैं. बेगूसराय में हुई गोलीबारी की घटना के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने कहा, ‘ऐसी घटनाओं से लोगों की जो आशंकाएं हैं, उसको बल मिलता है. कानून व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में जो डर है वो सही साबित हो रहा है.‘
बीजेपी के समय भी कानून-व्यवस्था खराब: किशोर
बेगूसराय में गोलीबार की घटना में एक की मौत हो गई और दस अन्य घायल हो गए. पीके ने कहा, 'लेकिन यह रातोंरात नहीं हुआ है. भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान भी कानून-व्यवस्था बिगड़ रही थी हालांकि इस मामले को अभी उठाना उनके लिए सुविधाजनक हो सकता है.'
'बिहार में कानून-व्यवस्था खराब'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि बिहार में प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी में लगा हुआ है इसलिए सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका असर पड़ रहा है और शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ सालों में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है.
PK ने नीतीश कुमार को बताया जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि इस सरकार के मुखिया और गृहमंत्री नीतीश कुमार हैं इसलिए ये उनकी जिम्मेदारी है. किशोर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बिहार में जमीन पर चार-पांच महीने के अपने अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे शराबबंदी जमीन पर प्रभावी नहीं है.
10 लाख सरकारी नौकरी पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि बिना अहम का विषय बनाए इसकी समीक्षा की जरूरत है.' नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ जाने का कोई देशव्यापी असर नहीं होने के अपने पुराने बयान पर कायम किशोर ने यह भी कहा कि सात दलों के महागठबंधन को जनता की आकांक्षओं को पूरा करने के लिए 10 लाख सरकारी नौकरियों जैसे वादों को पूरा करने की आवश्यकता है.
बिहार में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा
कृषि मंत्री एवं राजद विधायक सुधाकर सिंह की टिप्पणी से उपजे विवाद के बारे में PK ने कहा, 'मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता लेकिन पता चला है कि वह नौकरशाही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे थे. यह राज्य का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. जैसा कि मेरी धारणा और सभी जन प्रतिनिधि इसकी आंच महसूस करने के लिए बाध्य हैं.'
सूत्रधार की भूमिका में रहेंगे PK
PK ने कहा, 'हम जन सुराज के माध्यम से एक फर्क लाने की उम्मीद करते हैं. यह एक राजनीतिक दल के रूप में विकसित हो सकता है, लेकिन मैं खुद को सूत्रधार की भूमिका तक सीमित रखूंगा न कि चुनाव या नामांकन द्वारा नेतृत्व ग्रहण करूंगा.'
(इनपुट-भाषा)