PM Modi in Bihar Vidhan Sabha: बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं. आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने की अपील की थी.
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पटनाः PM Modi in Bihar Vidhan Sabha: पीएम मोदी मंगलवार को बिहार-झारखंड के दौरे पर थे. इस दौरान जहां उन्होंने पहले देवघर में एयरपोर्ट का शुभारंभ किया और बाबाधाम में पूजा की. वहीं इसके बाद प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने शताब्दी स्मृति स्तंभ का उद्घाटन किया. साथ ही, कल्पतरु का पौधारोपण किया. पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे कुछ समय पहले शताब्दी स्मृति स्तंभ के लोकार्पण का अवसर भी मिला. ये स्तंभ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही, साथ ही ये बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा.'
इस विधानसभा ने लिए हैं कई साहसिक फैसले
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बिहार की गौरवशाली संस्कृति को याद किया. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं. आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी. दशकों से हमें ये बताने की कोशिश होती रही है कि भारत को लोकतंत्र विदेशी हुकूमत और विदेशी सोच के कारण मिला है. लेकिन, कोई भी व्यक्ति जब ये कहता है तो वो बिहार के इतिहास और बिहार की विरासत पर पर्दा डालने की कोशिश करता है.'
विश्व को लोकतंत्र देने वाला राज्य है बिहार
पीएम मोदी ने कहा, 'जब दुनिया के बड़े भू-भाग सभ्यता और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे, तब वैशाली में परिष्कृत लोकतंत्र का संचालन हो रहा था. जब दुनिया के अन्य क्षेत्रों में जनतांत्रिक अधिकारों की समझ विकसित होनी शुरू हुई थी, तब लिच्छवी और वज्जीसंघ जैसे गणराज्य अपने शिखर पर थे. मैं जब भी बड़े वैश्विक मंच पर जाता हूं, तो बड़े गर्व से कहता हूं कि विश्व में लोकतंत्र की जननी हमारा भारत है, भारत Mother of Democracy है. बिहार की गौरवशाली विरासत, पाली में मौजूद ऐतिहासिक दस्तावेज भी इसके जीवंत प्रमाण हैं.
विरोध का बिगुल फूंकने वाला रहा है बिहार
बिहार गलत और कुनीतियों का सबसे पहला विरोधी रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'बिहार ने आजाद भारत को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के रूप में पहला राष्ट्रपति दिया. लोकनायक जयप्रकाश, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगजीवन राम जैसे नेतृत्व इस धरती पर हुए. जब देश में संविधान को कुचलने का प्रयास हुआ, तो भी उसके खिलाफ बिहार ने आगे आकर विरोध का बिगुल फूंका.' दुनिया के लिए 21वीं सदी भारत की सदी है. हमें इसी सदी में, अगले 25 सालों में नए भारत के स्वर्णिम लक्ष्य तक पहुंचना है. इन लक्ष्यों तक हमें हमारे कर्तव्य ही लेकर जाएंगे. इसलिए, ये 25 साल देश के लिए कर्तव्य पथ पर चलने के साल हैं.'
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