बता दें कि 1968 के बाढ़ के दौरान कोसी में अब तक का सर्वाधिक प्रवाह रिकॉर्ड किया गया था. 5 अक्टूबर, 1968 कोसी बराज में 9.13 लाख क्यूसेक पानी देखा गया था. तब कोसी तटबन्धों के बीच 9.50 क्यूसेक पानी की प्रवाह क्षमता के लिए की गई थी.
1968 में नदी के पश्चिमी तटबन्ध में दरभंगा जिले के जमालपुर के नीचे घोंघेपुर के बीच में पाँच जगह दरार पड़ गई थी जिसके कारण भारी तबाही हुई थी. जिसके बाद इसकी जांच की गई तो इसके लिए चूहों को जिम्मेवार ठहराया गया था. 1968 के बाद आज कोसी नदी का यह सर्वाधिक प्रवाह है.
वहीं राज्य के नदियों की मौजूदा हलात को देखते हुए सरकार ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी है. बांधों पर लगाए नजर रखी जा रही है.
वहीं बिहार के मौजूदा हालात को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक भी हुई. बाढ़ को देखते हुए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है. साथ ही जरूरत पड़ने पर लोगों को एयरलिफ्ट भी किया जाएगा.
कोसी में पानी बढ़ने के बाद सुपौल में तटबंध के कई बिन्दुओं पर पानी का भारी दबाव देखने को मिल रहा है. पूर्वी तटबंध के स्पर संख्या 67.60 के पान पानी का रिसाव होने का कारण लोगों में दहशत का माहौल है.
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