कोसी बैराज से रिकॉर्ड 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं पानी प्रवाह के लिए बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं. साथ ही तटबंध के अंदर बसी आबादी के लोगों को प्रशासन ने बाहर आने और ऊंचे तथा सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को कहा है.
लोगों की माने तो 56 वर्ष बाद कोसी नदी ऐसा तांडव मचाई है. कोसी नदी का कहर मधेपुर प्रखंड के गढ़गाव, बसीपट्टी ,भरगामा,महपतिया डारह,भवानीपुर, बकुआ,भगता,लावन,बरियरवा,द्वालख,गनौरा,मेहसा,बेला सहित दर्जनों गांवों पर टूटा है। कोसी दियारा इलाके के हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
लोग नाव के सहारे घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. घर का सामान खाली कर सड़क और ऊंचे स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. जिला प्रशासन भी अलर्ट है और डीएम अरविंद कुमार वर्मा लगातार जायजा ले रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी राहत बचाव कार्यों में जुटे है.
कोसी बैराज छोड़े गए छह लाख क्यूसेक पानी का असर दरभंगा जिला में दिखने लगा है. किरतपुर प्रखंड के नरकटिया भूभौल सिरनिया पकड़िया अमृतनगर में सड़क के उपर कोसी नदी का पानी गुजर रहा है. इसके बचाव के लिए डीएम ने खुद देर शाम मुआयना कर सम्बंधित अधिकारियों को जरूरत के हिसाब से निर्देश दिए है.
बाढ़ के मद्देनजर हर एहतियातन व्यवस्था करने को व्यवस्था करने का दावा किया है. NDRF की टीम भी देर रात तक इलाके में पहुंच जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि अगर देर रात से पानी का घटना शुरू ही जाता है तो हमलोग इस बांध को बचाने में सफल हो जाएंगे. सभी अधिकारियों को इस इलाके में कैंप करने का निर्देश दिया गया है.
मधुबीन से बिंदु भूषण और दरभंगा से मुकेश कुमार की रिपोर्ट
ट्रेन्डिंग फोटोज़