मुलायम ने कहा था मैंने चलवाई थीं कारसेवकों पर गोलियां, जानें सपा संरक्षक से जुड़े चार बड़े विवाद
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मुलायम ने कहा था मैंने चलवाई थीं कारसेवकों पर गोलियां, जानें सपा संरक्षक से जुड़े चार बड़े विवाद

मुलायम सरकार के कार्यकाल में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी. इस गोलीकांड के बाद अयोध्या से लेकर देश का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया था.

मुलायम ने कहा था मैंने चलवाई थीं कारसेवकों पर गोलियां, जानें सपा संरक्षक से जुड़े चार बड़े विवाद

पटना : Mulayam Singh Yadav Death News Update: उत्तर प्रदेश में 28 साल पहले की बात है. सूबे में तब मुलायम सिंह यादव ही सीएम थे. उनके इस कार्यकाल में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थीं. दरअसल, राम जम्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में हिंदू साधु-संतों और कारसेवक अयोध्या के हनुमान गढ़ी की ओर कूच कर रहे थे. उन दिनों श्रद्धालुओं की काफी भीड़ अयोध्या पहुंच रही थी. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी. मुलायम सरकार के कार्यकाल में कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई थी. इस गोलीकांड के बाद अयोध्या से लेकर देश का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया था. इस मामले में मुलायम सिंह यादव का नाम प्रमुख तौर पर आया था और उनसे जुड़ा ये विवाद काफी छाया रहा था. 

विवाद, जो ताजिंदगी जुड़े रहे
यूपी के पूर्व सीएम, देश के पूर्व रक्षामंत्री, समाजवादी पार्टी के मुखिया और अब इसी पार्टी के संरक्षक. मुलायम सिंह का नाम लेते ही ये चारों विशेषण अपने आप उनके साथ जुड़ जाते हैं. आज सोमवार को जब गुरुग्राम के मेदांता से उनके निधन की खबर बाहर निकली तो एक-एक करके वो सुर्खियां भी याद आने लगीं, जिनमें उनका नाम विवादों के तौर पर जुड़ा था. जानिए वे चार प्रमुख विवाद जो सपा सुप्रीमो के साथ ताजिंदगी जुड़े रहे और आगे भी याद आते रहेंगे.  

30 अक्टूबर 1990 में मुलायम के 'आदेश' पर चली थी गोलियां
30 अक्टूबर 1990 में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए गोलीकांड हुआ था. जब कारसेवक अयोध्या गए थे तो उत्तर प्रदेश की सत्ता मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी. कारसेवकों ने ढांचे की ओर बढ़ना शुरू किया तो पुलिस ने सरकार के आदेश पर पहले लाठीचार्ज किया और फिर बाद में कारसेवकों पर गोलियां चलवा दीं. जब गोली चली तो भगदड़ मच गई. लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग गए. भीड़ में कई लोग कुचलकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बता दें कि छह फरवरी 2014 को मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान कुबूला था कि उनके ही आदेश पर गोलियां चलाई गईं थीं.

बदायूं दुष्कर्म कांड और मुलायम सिंह का विवादित बयान
लखनऊ में रिक्शा चालकों को मुफ्त में ई-रिक्शा बांटने का कार्य किया जा रहा था. उस समय बदायूं दुष्कर्म कांड काफी चर्चा में था. इस कार्यक्रम के बीच मुलायम सिंह यादव ने एक ऐसा विवादित बयान दे दिया जिसकी चौतरफा निंदा होने लगी थी. दरअसल, उस समय मुलायम ने कहा था कि, दुष्कर्म एक ने किया और चार का नाम लिख दिया क्या ऐसा संभव है कि चार युवक एक महिला के साथ दुष्कर्म करें. गौरतलब है कि उस समय दुष्कर्म के मामलों में मुलायम ने यूपी को अन्य राज्यों की तुलना में कम खतरनाक बताया था.

लड़के हैं गलती हो जाती है
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मुरादाबाद में आयोजित एक रैली में भी विवादित बयान दिया था जिसके बाद वह महिलाओं के निशाने पर भी आ गए थे. मुलायम ने कहा था कि बलात्‍कार के मामलों में फांसी की सजा देना गलत है. "लड़के हैं लड़कों से गलतियां तो हो जाती हैं". रेप के मामलों में फांसी नहीं होनी चाहिए. लड़कों से गलती हो जाती है. सपा संरक्षक ने कहा था कि कभी-कभी फंसाने के लिए भी लड़कों पर आरोप लगा दिया जाता है. लड़कों से गलतियां हो जाती हैं. ऐसे कानूनों को बदलने की जरूरत है.
 
मुलायम पर लगा था महिलाओं का उपयोग करने का आरोप
दुष्कर्म मामले के अलावा सपा मुखिया पर एक और विवादित बयान देने का आरोप लगा था. असल में उनपर महिला कार्यकर्ताओं का उपयोग करने का आरोप लगा था. उस समय उनका बयान काफी चर्चा में था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को शामिल करो, इससे पार्टी को बहुत ही वोट मिलेंगे. मुलायम सिंह की यह बात काफी दिनों तक चर्चा का विषय बन गई हैं.

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