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Patna: Mithila Makhana GI tag मिथिला के मखाना कृषकों के लिए बड़ी खबर है. भारत सरकार ने मिथिला मखाना को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (जीआई टैग) दिया है. जिसके बाद अब मखाना उत्पादकों को और भी बेहतर दाम मिल पाएगा.
इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने ट्वीट किया, "जीआई टैग से पंजीकृत हुआ मिथिला मखाना, किसानों को मिलेगा लाभ और आसान होगा कमाना. त्योहारी सीजन में मिथिला मखाना को जीआई टैग मिलने से बिहार के बाहर भी लोग श्रद्धा भाव से इस शुभ सामग्री का उपयोग कर पाएंगे."
GI Tag से पंजीकृत हुआ मिथिला मखाना,
किसानों को मिलेगा लाभ और आसान होगा कमाना।त्योहारी सीजन में मिथिला मखाना को Geographical Indication Tag मिलने से बिहार के बाहर भी लोग श्रद्धा भाव से इस शुभ सामग्री का प्रयोग कर पाएंगे। pic.twitter.com/SzSOlsugRB
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 20, 2022
गौरतलब है कि जिस भी वस्तु को GI टैग दिया जाता है. उस वस्तु को दूसरा व्यक्ति उसी नाम से या उससे मिलती-जुलती चीज़ को नहीं बेच सकता है. जिस वजह से जीआई टैग प्राप्त वस्तु के निर्यात में भी वृद्धि होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये टैग मिथिलांचल मखाना उत्पादक संघ के नाम से रजिस्टर हुआ है. ये टैग दस साल के लिए दिया गया है, जिसे बाद में रिन्यू भी कराया जा सकता है.
बता दें कि मिथिला के मखाना के अलावा दार्जीलिंग चाय, चंदेरी फ्रैब्रिक, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजावुर पेंटिंग जैसी कई स्तुओं को जीआई टैग दिया गया है. ये टैग आमतौर पर उस क्षेत्र या उससे जुड़ी वस्तु को दिया जाता है, जो वहां काफी समय से उत्पादित हो रही है और उस जगह की खासियत भी रखती हो.