Makar Sankranti: बिहार के नालंदा में भी मकर संक्रांति के त्योहार से पहले तिलकुट का बाजार सज चुका है. शहर के कई इलाकों में तिलकुट बनाने का काम चल रहा है. दुकानों में तिलकुट की कई वैरायटी उपलब्ध हैं.
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नालंदा: Makar Sankranti: बिहार के नालंदा में भी मकर संक्रांति के त्योहार से पहले तिलकुट का बाजार सज चुका है. शहर के कई इलाकों में तिलकुट बनाने का काम चल रहा है. दुकानों में तिलकुट की कई वैरायटी उपलब्ध हैं. जिनमें खस्ता, नरम, तिलक तरी, तिल पापड़ी, तिल का लड्डू, बादाम का लड्डू शामिल हैं. जिसका स्वाद भी लोग चख रहे हैं.
मकर संक्रांति को लेकर शहर के तिलकुट दुकानों में शनिवार को भीड़ देखी गई. शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर तिलकुट बनाने का काम चलने से उसकी सोंधी खुशबू से शहर का बाजार महकने लगा है. नालंदा के तिलकुट की मांग दूसरे प्रदेशों में भी है. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष भी तिलकुट के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
सबसे अधिक भीड़ पुल पर बाजार में है, जहां तिलकुट की कई दुकानें सजी हुई हैं. इन दुकानों की रौनक भी देखते बन रही है. लोग जमकर अभी से ही तिलकुट की खरीदारी में जुट गए है. वहीं, ठंड में लोग तिल को खाना काफी अच्छा मानते हैं. कहा जाता है कि यह शरीर को गर्मी प्रदान करता है. इस कारण लोग इसे खूब खरीदते भी हैं.
वहीं बिहार झारखंड के लोगों में दही-चूड़ा की लोकप्रियता कुछ ज्यादा है. मकर संक्रांति के दिन ये लोग दही चूड़ा नहीं खाए ऐसा हो नहीं सकता है. बता दें कि, दही-चूड़ा का एक धार्मिक महत्व भी है और इसका हेल्थ पर भी काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है. हालांकि कई लोग दही चूड़ा को रोजाना अपने ब्रेकफास्ट में भी खाते हैं. यह एक स्वादिष्ट भोजन है. साथ ही दही चिवड़ा (चूड़ा) का सेवन सेहत को भी कई लाभ पहुंचाता है.
इनपुट- ऋषिकेश
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