Ekadashi Deed: किसी भी एकादशी के दिन न करें ये 5 काम, नहीं तो होगा नुकसान
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Ekadashi Deed: किसी भी एकादशी के दिन न करें ये 5 काम, नहीं तो होगा नुकसान

Ekadashi Deed: सनातन परंपरा और हिंदू धर्म शास्त्र में एकादशी के व्रत का विशेष महत्‍व बताया गया है और इस दिन व्रत करने के विशेष नियम होते हैं. इस दिन व्रत करने वाले के सभी पापों का नाश होकर उसे अक्षत पुण्‍य की प्राप्ति होती है. 

Ekadashi Deed: किसी भी एकादशी के दिन न करें ये 5 काम, नहीं तो होगा नुकसान

पटना: Ekadashi Deed: सनातन परंपरा और हिंदू धर्म शास्त्र में एकादशी के व्रत का विशेष महत्‍व बताया गया है और इस दिन व्रत करने के विशेष नियम होते हैं. इसके अलावा जो लोग व्रत नहीं भी रहते हैं उन्‍हें भी इन नियमों का पालन करना चाहिए. आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन व्रत करने वाले के सभी पापों का नाश होकर उसे अक्षत पुण्‍य की प्राप्ति होती है. 

तुलसी दल न तोड़ें
एकादशी वाले दिन तुलसी दल यानी तुलसीका पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. तुलसी को मां कहा गया है. इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाना चाहिए. द्वादशी तिथिपारण तुलसी के पत्तों से करना चाहिए, इसके लिए तुलसी पत्ता व्रती को स्वयं नहीं तोड़ना चाहिए. बच्चे या बुजुर्ग जिन्होंने व्रत ना किया हो उनसे पत्ता तोड़ने के लिए कहना चाहिए. एकादशी तिथि को अगर आप माता तुलसी को सुहाग का सारा समान भेंट करके फिर इसे किसी जरूरतमंद को दे दें तो आपको लाभ होगा. 

चावल का करें त्याग
एकादशी के दिन किसी को भी चावल नहीं खाने चाहिए और न ही किसी को चावल दान करने चाहिए। अगर आपके द्वार पर कोई याचक आता है तो इस दिन चावल छोड़कर अन्‍य चीजों का दान कर सकते हैं. माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्‍यक्ति को रेंगने वाले जीव की योनि में जन्‍म मिलता है. भगवान विष्‍णु की पूजा से संबंधित किसी भी तिथि में चावल नहीं खाने चाहिए. 

दिन में ना सोएं
एकादशी तिथि के दिन में सोना शास्‍त्रों में वर्जित माना गया है. यह दिन बहुत ही पवित्र माना गया है और इसे आप बिना वजह सोने में न व्‍यर्थ करें. इस दिन सुबह उठकर भगवद भक्ति करें और भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जप करें. अगर आप व्रत नहीं भी रखते हैं तो भी श्रीहरि का जप जरूर करें. 

झाड़ू न लगाएं
एकादशी के दिन घर में झाडू न लगाएं. इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है. इस दिन बाल न कटाएं. मधुर बोलें, अधिक न बोलें, अधिक बोलने से न बोलने योग्य वचन भी निकल जाते हैं. सत्य भाषण करना चाहिए. 

पाप कर्म न करें
वैसे तो किसी भी दिन कोई भी पाप नहीं करना चाहिए. बल्कि कभी भी नहीं करना चाहिए. पाप या अपराध को लेकर कोई क्षमा भी नहीं है, लेकिन एकादशी के दिन इसका और बुरा प्रभाव पड़ता है. अगर एकादशी के दिन आप झूठ बोलते हैं, चोरी करते हैं, किसी को सताते हैं तो ये आपके लिए जीवन भर कष्ट देने वाला बन जायेगा और नर्क का भागी बनाएगा. इसलिए पापक्रम से बचें.

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