साल 2016 में 8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे देश के नाम संबोधन में 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान कर दिया था. यानी सरकार की तरफ से घोषणा कर दी गई थी कि अब पुराने 500 और 1000 के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे.
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Demonetisation Part-2: साल 2016 में 8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे देश के नाम संबोधन में 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान कर दिया था. यानी सरकार की तरफ से घोषणा कर दी गई थी कि अब पुराने 500 और 1000 के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे.
अब आज यानी 19 मई 2023 को आरबीआई के द्वारा इस बात का ऐलान किया गया कि 2000 के नोट अब चलन से बाहर किए जा रहे हैं. मतलब साफ है कि 2016 से चलन में आए गुलाबी कलर के 2000 के नोट अब बाजार में नजर आनेवाले नहीं हैं. हालांकि नोटबंदी पार्टी 2 का यह फैसला पहले वाले नोटबंदी के फैसले से बिल्कुल अलग है.
इस बार आरबीआई की तरफ से 2000 के नोट को लीगल टेंडर ही रखा गया है. मतलब 2000 के नोट अब भी वैध रहेंगे और इसका बाजार में चलन जारी रहेगा. आरबीआई की मानें तो 2019 से ही 2000 के नोटों की छपाई का काम बंद कर दिया गया है. अब आरबीआई बाजार में जो नोट मौजूद हैं उनको धीरे-धीरे वापस लेने का काम करेगी.
वहीं आरबीआई के ऐलान की मानें तो 30 सितंबर तक 2000 के नोटों को आप बैंक में जमा करा पाएंगे. ऐसे में लोगों को पिछले नोटबंदी की तरह की परेशान नहीं होगी. साथ ही बाजार में भी 2000 के नोटस का इस्तेमाल जारी रहेगा और ये लेन-देन में बना रहेगा. अब आरबीआई की तरफ से बैंकों को सलाह दिया गया गया है कि तत्काल प्रभाव से 2000 के नोटों को जारी करना बंद कर दिया जाए. यह फैसला आरबीआी ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया है.