Aaj Ka Panchang: सनातन पंचांग के अनुसार आज विक्रम संवत 2079 कार्तिक शुक्ल एकादशी शुक्रवार है. आज एकादशी तिथि शाम 6:08 बजे तक रहेगी. तदुपरांत द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी. आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पूरे दिन रहेगा सूर्योदय के समय व्याघात योग की स्थिति बन रही है.
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पटनाः Aaj Ka Panchang:आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज शुक्रवार है, माता लक्ष्मी की पूजा का दिन है. वहीं आज देवोत्थान एकादशी भी है. सनातन पंचांग के अनुसार आज विक्रम संवत 2079 कार्तिक शुक्ल एकादशी शुक्रवार है. आज एकादशी तिथि शाम 6:08 बजे तक रहेगी. तदुपरांत द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी. आज पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पूरे दिन रहेगा सूर्योदय के समय व्याघात योग की स्थिति बन रही है. आज देव प्रबोधिनी एकादशी है आज तुलसी विवाह भी होंगे. आज से देव उठ जाते हैं और शुभ और मांगलिक कार्यों की स्थिति बननी आरंभ हो जाती है चतुर्मास भी आज से समाप्त हो रहे हैं.
कार्तिक - शुक्ल पक्ष-एकादशी तिथि 06.08 बजे तक,
इसके उपरांत द्वादशी तिथि - - शुक्रवार
नक्षत्र - पूर्वभाद्रपदा
महत्वपूर्ण योग- व्याघात योग
चन्द्रमा का कुंभ के उपरांत 18:20 पर मीन राशि पर संचरण -
आज का शुभ मुहूर्त - 11.48 बजे से 12.32 बजे तक
राहु काल- 10.47 बजे से 12.10 बजे तक.
त्योहार - प्रबोधिनी एकादशी (देवोत्थान एकादशी)
आज देवोत्थान एकादशी है. कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी को इसे देव उठनी एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इन सभी शब्दों का अर्थ होता है-भगवान का जागरण. यह एकादशी तिथि चतुर्मास अवधि के समापन का प्रतीक है, जिसमें श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक महीने शामिल हैं. देव उठनी एकादशी पर व्रत रखना बहुत फलदायी माना गया है. पद्मपुराण में सभी के बारे में वस्तिार से बताया गया है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनता है वह हर तरह के पाप से मुक्त होकर श्री हरि लोक में स्थान प्राप्त करता है. धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चौमासा की चार माह की घोर निद्रा के बाद जागृत होते हैं.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए -
आज प्रोबोधिनी एकादशी है और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। काली तुलसी की मंजरी, एक मुट्ठी साबूत अन्न और एक सिक्के को को एक लाल कपड़े में लपेटकर एक पोटली बना लें. सायंकाल से पहले उस पोटली को किसी मंदिर में स्थित आवला या अशोक के वृक्ष की जड़ के पास एक मनोकामना का स्मरण करते हुए दबा दीजिए.
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