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पटना:Chaiti Chhath Puja 2023: चैती छठ के महापर्व की शुरुआत 26 मार्च से हो गई है. चैती छठ का पहला दिन नहाय खाय होता है. छठ व्रत को सबसे कठिन व्रत माना गया है. चैती छठ मुख्य रुप से बिहार,झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. जो भी व्रती पूरी श्रद्धा और और नियम से व्रत करते हैं तो छठी माता उनकी सारी मनोकामना पूरी करती हैं. छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है. चार दिनों तक चलते वाले इस पर्व का दूसरा दिन खरना कहलाता है.
खरना का महत्व
खरना के दिन व्रती पूरे दिन व्रत रखते हैं. इस दिन शआम में छठी माता का प्रसाद तैयार किया जाता है. प्रसाद में गुड़ की खीर बनाई जाती है. खास बात यह है कि इस दिन के प्रसाद को मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है. प्रसाद तैयार होने के बाद सबसे पहले व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं, उसके बाद इसे भक्तों में बांट दिया जाता है. खरना वाले दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इसके अगले दिन व्रती लोग सूर्यास्त के समय नदी और घाटों पर पहुंच डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दौरान सूर्यदेव को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है.
खरना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज 26 मार्च को कृतिका नक्षत्र के साथ प्रीति और रवि योग बन रहा है. सुर्योदय से लेकर रात 11 बजकर 33 मिनट तक प्रीति योग रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही रविवार दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 27 मार्च को सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक रवि योग बना रहेगा.
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