बक्सर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुर धाम के चर्चित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में देररात से भक्तों का तांता लगा है. देररात से ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जा रहा है. बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर का बड़ा ही महत्व माना जाता है. बिहार के दिव्य शिव मंदिरों में इसका स्थान है.
Trending Photos
Buxar News: सावन का पतित-पावन महीना चल रहा है. आज (24 जुलाई) सावन का तीसरा सोमवार है. इस अवसर पर देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है. इस मौके पर बक्सर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुर धाम के चर्चित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में देररात से भक्तों का तांता लगा है. देररात से ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जा रहा है. बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर का बड़ा ही महत्व माना जाता है. बिहार के दिव्य शिव मंदिरों में इसका स्थान है.
मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर को स्वयं ब्रह्माजी ने स्थापित किया था. इसी कारण से इस शिवलिंग को बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि पुराणों में भी इस मंदिर का जिक्र मिलता है. कहते हैं कि मोहम्मद गजनी जब भारत के मंदिरों पर आक्रमण करके उन्हें तोड़ रहा था तो वह इस मंदिर को भी तोड़ने आया था, लेकिन मंदिर का चमत्कार देखकर वापस भाग गया था.
ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में कांवड़ियों का उमड़ा हुजुम, बोल बम के लगे जयकारे
कहा जाता है कि मोहम्मद गजनी जब मंदिर को तोड़ने आया था तो मंदिर के पुजारियों ने उससे कहा कि ये भगवान ब्रह्मा जी के द्वारा बनाया गया मंदिर है, इसलिए इसे छोड़ दे. इस पर मोहम्मद गजनी ने कहा था कि अगर मंदिर इतना दिव्य है तो रात भर में इसके द्वार की दिशा बदल जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सुबह मंदिर को तोड़ दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- सेना के रिटायर्ड जवान ने चलती ट्रेन से कूदकर लुटेरों को दबोचा, अफसर की हो रही तारीफ
अगले दिन जब गजनी मंदिर का विनाश करने आया तो उसने देखा कि मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की तरफ हो गया है. इसके बाद वह बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के चमत्कार से भयभीत होकर वहां से भाग गया. इस घटना के बाद से बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर का महत्व और बढ़ गया. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर मंदिर में पूजा पाठ के बाद दर्शन करता है. उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
रिपोर्ट- अजय कुमार राय