राघोपुर में पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी, सरकारी दर से ज्यादा में मिल रहे ईंधन
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राघोपुर में पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी, सरकारी दर से ज्यादा में मिल रहे ईंधन

वैशाली: राघोपुर जो बिहार के प्रमुख राजनीतिक परिवार लालू यादव का गृहनगर है, वहां की खराब स्थिति ने इलाके के विकास पर सवाल खड़े कर दिए हैं. तेजस्वी यादव का यह चुनावी क्षेत्र है, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है.

राघोपुर में पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी, सरकारी दर से ज्यादा में मिल रहे ईंधन

वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल की खुलेआम कालाबाजारी हो रही है. इस क्षेत्र में कोई भी पेट्रोल पंप नहीं है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राघोपुर जो पटना शहर से जुड़ा हुआ है और जहां लगभग तीन से चार लाख की आबादी रहती है. यहां पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें सरकारी दर से काफी ज्यादा हैं. भारत सरकार द्वारा निर्धारित पेट्रोल की दर 105 रुपये 65 पैसे प्रति लीटर है, लेकिन राघोपुर में पेट्रोल 120 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, जबकि डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर है.

जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोल डीजल की कालाबाजारी खुलेआम सड़क पर हो रही है. कई जगहों पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम के टैंकर्स को झोपड़ी जैसे घरों में खड़ा कर पेट्रोल और डीजल बेचा जा रहा है. यहां के लोग और सरकारी कर्मचारी भी मजबूरी में इस ब्लैक मार्केट रेट पर पेट्रोल और डीजल खरीदने को मजबूर हैं. राघोपुर में यह हालत तब है जब पूरे क्षेत्र में 75 गांव और 20 पंचायतें शामिल हैं, लेकिन अब तक यहां एक भी पेट्रोल पंप नहीं खुल पाया है.

साथ ही इस क्षेत्र के लोग अपनी गाड़ियों के लिए पेट्रोल और डीजल सड़क पर दौड़ते हुए टैंकर्स से खरीदते हैं और ये सब कुछ पुलिस के सामने खुलेआम हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का नतीजा है, जो सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है. कई बार पुलिस की गाड़ियां भी इन टैंकर्स से तेल खरीदती हैं, जिससे यह और भी गंभीर समस्या बन गई है.

इसके अलावा राघोपुर जो बिहार के प्रमुख राजनीतिक परिवार लालू यादव के गृहनगर के तौर पर जाना जाता है, वहां की इस बदहाली ने इलाके के विकास को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जहां एक ओर तेजस्वी यादव का चुनावी क्षेत्र है, वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. पेट्रोल पंपों की कमी, खुलेआम कालाबाजारी और विकास की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं.

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