बिहार में पर्यटकों को मिलेगी सुविधाएं, पर्यटन सर्किट के रास्ते होंगे विकसित
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बिहार में पर्यटकों को मिलेगी सुविधाएं, पर्यटन सर्किट के रास्ते होंगे विकसित

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मार्गीय सुविधाओं के लिए विभाग द्वारा चार मॉडल तैयार किए गए हैं. प्रीमियम मार्गीय सुविधा के तहत प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर सुविधाएं विकसित की जाएगी. लगभग डेढ़ एकड़ जमीन में सुविधाएं विकसित होंगी.

राज्य भर के सभी पर्यटन सर्किट के रास्तों में सुविधाएं बढ़ाने का निर्णय लिया है.

पटना: बिहार में पर्यटकों की संख्या में हो रही वृद्धि के बाद सरकार ने अब सभी सर्किट को विकसित कर सुविधाएं बढ़ाने की योजना बनाई है. इसके तहत राज्य में अगले तीन साल में 160 पर्यटन स्थलों को विकसित किया जायेगा. बिहार पर्यटन विभाग के मुताबिक, राज्य में प्रत्येक साल देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. इस कारण पर्यटन विभाग ने राज्य भर के सभी पर्यटन सर्किट के रास्तों में सुविधाएं बढ़ाने का निर्णय लिया है. इनमें पर्यटकों के रहने-खाने, मनोरंजन सहित हर तरह की ऑनलाइन सुविधाएं बहाल होंगी.

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मार्गीय सुविधाओं के लिए विभाग द्वारा चार मॉडल तैयार किए गए हैं. प्रीमियम मार्गीय सुविधा के तहत प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर सुविधाएं विकसित की जाएगी. लगभग डेढ़ एकड़ जमीन में सुविधाएं विकसित होंगी.

स्टैंडर्ड मार्गीय सुविधा हर 30 किलोमीटर की दूरी पर विकसित रहेगी. इसके लिए एक एकड़ भूमि का उपयोग होगा. बेसिक मार्गीय सुविधा 30 किलोमीटर की दूरी पर विकसित होगी. इसके लिए 7500 वर्गफुट जमीन का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है, जबकि वर्तमान मार्गीय सुविधाओं को और बेहतर किया जायेगा. 

जनसुविधा विकसित करने के एवज में विभाग निवेशकों को 10, 20, 35 एवं 50 लाख या 50 फीसदी अनुदान देगा. 160 केंद्र बनेंगे जिसमें अधिकतम 10 फीसदी की वृद्धि भी हो सकती है.

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा बिहार में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान पर काम किया जा रहा है. इसके तहत राजगीर, कैमूर समेत कई पर्यटन केंद्रों पर सरकार ने सुविधाओं का विकास किया है.

बिहार में रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, गांधी सर्किट सहित कई अन्य सर्किट के तहत पर्यटक स्थलों को विकसित करने की योजना बनी है. मार्गीय सुविधाओं में ढाबा, रेस्तरां, पेट्रोल पंप, लॉज, मिनी मार्केट, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं पर फोकस किया जाएगा.

(आईएएनएस)

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