राजस्व मंत्री कहते हैं कि मुख्यमंत्री हमारे मुखिया हैं, लेकिन आगे से जैसे हम जनता दरबार लगाते थे, लोगों के बीच जाते थे, अब नहीं जायेंगे.
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पटनाः बिहार सरकार के राजस्व विभाग मंत्री रामसूरत राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खफा चल रहे हैं. मंत्री रामसूरत राय ने बीते दिनों बड़े पैमाने पर विभागीय अधिकारियों का तबादला किया था. हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इस पर रोक लगा दी गई थी.
'मंत्री पद छोड़ने की पेशकश'
मंत्री रामसूरत राय इतने आहत हुए हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी जगह किसी और को राजस्व विभाग का मंत्री बनाने की पेशकश कर दी है. दरअसल, 30 जून को मंत्री रामसूरत राय ने बड़ी संख्या में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की थी, लेकिन दो दिन बाद ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने यानी सीएमओ ने इस पर रोक लगा दी. पत्रकारों द्वारा इस पर सवाल पूछे जाने पर राय का गुस्सा फूट पड़ा. राय बोले हमें जो समझ में आया है, हमने उसके हिसाब से तबादला किया है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारे मुखिया हैं, उनका विषेशाधिकार है. मैं मुख्यमंत्री के निर्णय से आहत हूं.
'अब नहीं लगेगा जनता दरबार'
राजस्व मंत्री कहते हैं कि मुख्यमंत्री हमारे मुखिया हैं, लेकिन आगे से जैसे हम जनता दरबार लगाते थे, लोगों के बीच जाते थे, अब नहीं जायेंगे. जनता को जहां जाना है जाए. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बोल दिया कि अब राजस्व विभाग चलाना बेवकूफी है. अगर विधायकों को काम कराना है तो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जाए.
मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना ठीक नहीं
वहीं मंत्री रामसूरत राय के बयान पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री जिस तरह से बीजेपी के कोटे के मंत्रियों की बेज्जती कर रहे हैं, यह समझ रहे हैं कि राजस्व विभाग के मंत्री हो या दूसरे विभाग के मंत्री हो, जून में जो ट्रांसफर हुए हैं. वह धन घोटाले के साथ हुए हैं. जिन मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर रद्द किए हैं, उन मुख्यमंत्रियो ने माना कि बीजेपी कोटे के मंत्री धन बल पर ट्रांसफर पोस्टिंग करते हैं.
मुख्यमंत्री ने जब ट्रांसफर को रोक दिया तो क्यों मंत्रियों को बर्खास्त नहीं करते हैं. मुख्यमंत्री से आग्रह है कि केवल बीजेपी के ही मंत्री गड़बड़ी नहीं करते हैं, बल्कि आपकी पार्टी के मंत्री भी गड़बड़ी करते हैं. जब सभी विभाग के मंत्री गड़बड़ी करते हैं तो मुख्यमंत्री ट्रांसफर पोस्टिंग की पावर अपने पास रख लें ताकि गड़बड़ी न हो. मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना ठीक नहीं है. अगर बीजेपी के जेडीयू से बनती नहीं है तो बीजेपी को अलग हो जाना चाहिए.
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