Bihar Atal Path: अटल पथ पर इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत खराब हो गई है. डिवाइडर पर जगह-जगह प्लास्टिक के ग्रीन साइनेज लगाए गए थे, लेकिन असामाजिक तत्वों ने इन्हें तोड़ दिया है. इन साइनेज का मकसद रात के समय दूसरी लेन से आने वाली गाड़ियों की लाइटों को अन्य वाहनों पर नहीं पड़ने देना था.
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पटना: पटना का अटल पथ इन दिनों दो प्रमुख कारणों से चर्चा में है. पहली इसकी लंबी दूरी की यात्रा को कम समय में पूरा करने की क्षमता और दूसरी लगातार हो रहे हादसे. लोग अटल पथ का इस्तेमाल आर ब्लॉक से दीघा और जेपी सेतू तक की यात्रा जल्दी पूरी करने के लिए करते हैं, लेकिन अब यह मार्ग खुद मेंटेनेंस की मांग कर रहा है. इस मार्ग की कई समस्याओं के कारण एक और हादसे का खतरा बढ़ गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अटल पथ पर इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति दयनीय हो गई है. डिवाइडर पर लगाए गए ग्रीन साइनेज, जो प्लास्टिक के बने हुए थे, असामाजिक तत्वों द्वारा जगह-जगह तोड़ दिए गए हैं. इन साइनेज का उद्देश्य रात के समय दूसरी लेन में विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों की लाइटों को अन्य वाहनों पर नहीं पड़ने देना था. लेकिन, इन साइनेज के टूटने के कारण सड़क पर दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ गया है. साथ ही अटल पथ पर आधा दर्जन के करीब डिस्प्ले बोर्ड भी लगे हैं, जिन पर यातायात नियमों और चलने के तरीकों की जानकारी दी जाती है. शुरू में ये डिस्प्ले ठीक से काम कर रहे थे, लेकिन अब अधिकांश डिस्प्ले बोर्ड की स्क्रीन पर पिक्सल टूट गए हैं. इससे जानकारी पढ़ना मुश्किल हो गया है और लोग संदेश ठीक से नहीं समझ पा रहे हैं.
इसके अलावा अटल पथ पर कई जगहों पर ग्रिल के बीच की रॉड को तोड़कर रास्ते बना दिए गए हैं, जिससे लोग आसानी से एक पार से दूसरी पार जा सकते हैं. लेकिन, अगर सेफ्टी रॉड का ध्यान रखा जाता, तो यह समस्या उत्पन्न नहीं होती. ऐसे जगह-जगह ग्रिल के बीच से रॉड गायब होने से लोग सड़क पर अचानक आ जाते हैं, जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है. रिक्शा और ऑटो चालकों ने भी बताया कि लोग ग्रिल के बीच से निकल कर अचानक गाड़ियों के सामने आ जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं. इस स्थिति को देखते हुए अटल पथ पर इन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाना चाहिए ताकि सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
इनपुट- निषेद कुमार
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