Patna News: परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. अब राजधानी पटना में डीजल वाहन चलते नजर नहीं आएंगे.
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Patna News: बिहार की राजधानी पटना के ट्रैफिक में आज से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. दरअसल पटना में अब कोई भी डीजल वाहन चलते नजर नहीं आएंगे. अब डीजल से चलने वाली बस पटना, फुलवारी शरीफ, खगौल और दानापुर में चलती हुई नजर नहीं आएगी. इसके साथ ही गया और मुजफ्फरपुर में भी आज मध्य रात्रि से 15 साल पुराने सभी प्रकार के व्यावसायिक वाहनों और डीजल से चलने वाले ऑटो के परिचालन पर भी रोक दिया गया है. इस बारे में परिवहन विभाग की तरफ से मार्च महीने में ही अधिसूचना जारी की गई थी.
इन इलाकों में आज यानी 01 अक्टूबर से सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों का ही परिचालन की इजाजत दी गई है. बसों के अलावा इन चार निकायों में डीजल चालित मालवाहक ऑटो भी नहीं चलेंगे. पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने इसका ऐलान किया है. उन्होंने बताया था कि पूर्व में जारी अधिसूचना के अनुसार, 30 सितंबर की मध्य रात्रि से पटना नगर निगम, खगौल, दानापुर और फुलवारी शरीफ में डीजल चालित बसें नहीं चलेंगी. उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप कार्बन संबंधित गैसों के उत्सर्जन में 20 फीसदी तक कमी आएगी.
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डीजल गाड़ियों का क्या होगा?
सरकार की ओर से ऐलान किया गया है कि डीजल बसों की जगह सीएनजी बसें खरीदने के लिए बस संचालकों को नए सीएनजी वाहन की शोरूम कीमत का 30 प्रतिशत या अधिकतम साढ़े सात लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा पहले से स्वीकृत परमिट पर ही नए वाहन के प्रतिस्थापन की स्वीकृति दी जाएगी. इसके लिए परिवहन विभाग ने बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. बता दें कि सीएनजी बस की कीमत डीजल बसों से ज्यादा है, लेकिन यह 30 प्रतिशत ज्यादा बचत करेगी. प्रतिबंधित वाहनों के लिए स्क्रैपिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. यहां इन गाड़ियों को नष्ट किया जाएगा.