मकर संक्रांति मेला के मौके पर राजगीर के 22 कुंड 52 धाराओं में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी दिखाई दी. इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. माना है कि राजगीर गर्म कुंड का प्राचीन और धार्मिक महत्व है.
नालंदा जिले के राजगीर में मकर मेला के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. राजगीर के प्रसिद्ध 22 कुंड और 52 धाराओं में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाकर मकर संक्रांति का पर्व मनाया.
राजगीर के गर्म कुंडों का प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है. मान्यता है कि इन कुंडों में स्नान करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि कई तरह के शारीरिक रोग भी ठीक हो जाते हैं.
हर साल मकर संक्रांति के मौके पर यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं और राजगीर के कुंडों में स्नान करके पुण्य लाभ अर्जित करते हैं. मकर मेले के दौरान राजगीर के प्रमुख कुंडों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
इस धार्मिक स्थल पर न केवल बिहार बल्कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न राज्यों से लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. गर्म कुंडों में श्रद्धालुओं के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी आस्था की डुबकी लगाई.
प्रशासन की ओर से भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. राजगीर के कुंडों का पौराणिक महत्व है.
ऐसा कहा जाता है कि यहां के गर्म पानी में औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को रोग मुक्त करते हैं. खासकर ब्रह्म कुंड और सप्तधारा कुंड में स्नान को बेहद पवित्र माना जाता है.
श्रद्धालुओं का कहना है कि मकर संक्रांति के मौके पर राजगीर में स्नान करना जीवन को सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है. इस मेले ने एक बार फिर राजगीर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया.
रिपोर्ट: ऋषिकेश
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