स्थानीय निवासी शंकर साह ने बताया कि सुबह के समय हमने जैसे घर के पीछे का दरवाजा खोला तो मगरमच्छ पर नजर पड़ी है. उसे देखकर पूरे परिवार में दहशत फैल गई है. हमने आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी.
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बगहा : वाल्मीकिनगर क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों में वन्यजीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि कुछ दिनों पहले बाघ के आतंक से लोग डरे हुए थे अब मगरमच्छ के आतंक से लोग डरे हुए है. अब ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. इसी क्रम में बुधवार की रात वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के समीप विजयपुर मुहल्ला में शंकर साह के घर के पीछे से निकल कर एक मगरमच्छ उनके दरवाजे पर जा पहुंचा. जिसे देखकर घरवाले दहशत से भर उठे. इस संबंद में ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दे दी है.
क्या है पूरा मामला
स्थानीय निवासी शंकर साह ने बताया कि सुबह के समय हमने जैसे घर के पीछे का दरवाजा खोला तो मगरमच्छ पर नजर पड़ी है. उसे देखकर पूरे परिवार में दहशत फैल गई है. हमने आनन-फानन में वन विभाग को सूचना दी. इस बीच हमने मगरमच्छ पर नजर बनाकर रखा कि वो कहां जा रहा है. हालांकि, मगरमच्छ को रेस्क्यू करने में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है. गांव वालों ने बताया कि सर्दी बढ़ने के बाद से शीत निद्रा में जाने के लिए सरीसृप स्थान खोज रहे हैं. मगर ये पहला मामला है जबकि मगरमच्छ जैसा भयानक जीव गांव में आ गया. इस घटना के बाद से लोग डरे हुए है.
वन विभाग ने मगरमच्छ को किया सुरक्षित रेस्क्यू
बता दें कि भयभीत होकर परिजनों ने इसकी सूचना वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र कार्यालय को दी. जिसको गंभीरता से लेते हुए रेंजर अवधेश सिंह ने तत्काल वन कर्मियों की टीम को वनपाल सोनू कुमार के नेतृत्व में घटनास्थल की तरफ रवाना कर दिया. जहां घंटों की मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने लगभग 7 फीट लंबे मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. साथ ही रेंजर अवधेश सिंह ने बताया कि मगरमच्छ को रेस्क्यू के उपरांत गंडक नदी में छोड़ दिया गया. वन विभाग की टीम ने लोगों से कहा कि अगर भविष्य में इस प्रकार की सूचना मिलती है तो बिना देरी करते हुए विभाग तक इसकी सूचना दें.