मुजफ्फरपुर का यह गांव बना एकता की मिसाल, ग्रामीणों ने मिलकर कराई गरीब दो बेटियों की शादी
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मुजफ्फरपुर का यह गांव बना एकता की मिसाल, ग्रामीणों ने मिलकर कराई गरीब दो बेटियों की शादी

विशुनपुर बघनगरी पंचायत अंतर्गत वार्ड चार निवासी मुन्ना झा के दो पुत्रियां हैं. मुन्ना झा मानसिक विक्षिप्त हैं और पत्नी मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह दो बेटियों और पति का पेट पाल रही हैं. बेटी की शादी के लिए उनके पास पैसा नहीं होने से परेशान थीं.

मुजफ्फरपुर का यह गांव बना एकता की मिसाल, ग्रामीणों ने मिलकर कराई गरीब दो बेटियों की शादी

मुजफ्फरपुर: पिता की मानसिक स्थिति खराब और दो बेटियों की का जीवन यापन कर रही एक मां को ग्रामीणों का सहयोग मिला. गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण बेटियों के हाथ पीले करने में आड़े आ रही गरीबी को देख ग्रामीणों दे सहारा दिया और ग्रामीण एक जुट हो कर उस बेटी की शादी किया और खुशी खुशी विदा किया. सकरा प्रखंड के बघनगरी में ग्रामीणों ने चंदा कर एक गरीब लड़की का विवाह कराया. विदाई के वक्त हर ग्रामीण की आंखें नम दिखीं. पैसे के अभाव में बिना साज- सज्जा के ही रात के वक्त दूधनाथ शिव मंदिर में वैवाहिक रस्में पूरी की गई.

बता दें कि विशुनपुर बघनगरी पंचायत अंतर्गत वार्ड चार निवासी मुन्ना झा के दो पुत्रियां हैं. मुन्ना झा मानसिक विक्षिप्त हैं और पत्नी मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह दो बेटियों और पति का पेट पाल रही हैं. बेटी की शादी के लिए उनके पास पैसा नहीं होने से परेशान थीं. इस पर ग्रामीणों ने गरीबी व आर्थिक तंगी को शादी में बाधक नहीं बनने देने का फैसला लिया और किसी ने पैसा तो किसी ने बरातियो के लिए भोजन तो किसी ने दान-दहेज की व्यवस्था की. रात में बरात पहुंची और सभी वैवाहिक रस्में संपन्न कराई गईं.

गांव की महिलाएं हर रस्म में खड़े दिखे. बेटी अंजली की विदाई हुई तो पूरे गांव के लोगों की आंखों से आंसू झलक उठे. गांव के लोगों ने कहा कि लड़की समाज की होती है. यदि कोई मां-बाप पैसे के अभाव में उसकी शादी नहीं कर पाते हैं तो समाज को भी आगे आने की जरूरत है. अगर हर समाज में इस तरह का चलन हो तो निश्चित रूप से गरीब की बेटी घर में कुंवारी नहीं बैठेंगी.

INPUT- Manitosh kumar

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