Muharram: मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा क्षेत्र के रहने वाले हिंदू समाज परिवार के रुदल सहनी बीते 25 से 30 वर्षों से ताजिया बना रहे हैं. उन्होंने आज भी इस परंपरा को कायम रखा हुआ है.
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मुजफ्फरपुर: Muharram: इस्लाम में शिया समुदाय के लोग इमाम हुसैन की शहादत को मोहर्रम के तौर पर याद करते हैं. सोगवार इस दौरान ताजिया जुलूस निकालते हैं, जिसकी तैयारी कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती है. इस मौके पर भी मुजफ्फरपुर जिले में गंगा-जमुनी तहजीब अपना रंग जमाते नजर आती है, जहां एक हिंदू परिवार खुद ताजिया बनाकर मुस्लिम सोगवारों को समर्पित करता हूं. यह परिवार इन दिनों चर्चा का विषय है.
ताजिया बना है आकर्षण का केंद्र
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिला के ब्रह्मपुरा क्षेत्र के रहने वाले हिंदू समाज परिवार के रुदल सहनी बीते 25 से 30 वर्षों से ताजिया बना रहे हैं. उन्होंने आज भी इस परंपरा को कायम रखा हुआ है. इस बार रुदल सहनी ने इस ताजिये को कर्बला का रूप दिया गया है जो कि विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसको लेकर के रुदल सहनी विशेष रूप में दिन-रात लगकर इसको बनाए जाने में लगे हुए हैं. इसके निर्माण कार्य में वो खुद और अपने परिवार के लोगों का भी साथ लेते हैं और इसमें उन्हें सहयोग भी खूब मिलता है. शिया समुदाय के लोगों के द्वारा मनाए जाने वाले शहादत के इस मौके को लेकर वो कहते हैं कि, ताजिया, सच्चाई, ईमान और बलिदान का प्रतीक है.
सहनी परिवार देश के लिए सबक भी और संदेश भी
वहीं इस कार्य को लेकर के मुस्लिम समुदाय के लोगों भी इसे हाथों-हाथ लेते हैं. उनका कहना है कि आज जब देशभर में महज कुछ अराजक तत्वों के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है तो ऐसे समय में सहनी भाई का परिवार एक सबक भी है और संदेश भी. यह बताता है कि हमारा समाज एक बेहतर समाज है और यह हिंदू मुस्लिम समुदाय के एकता की गंगा जमुना तहजीब की एक मिसाल है.