Prashant Kishor News: पीके ने कहा कि बीजेपी को 400 पार वाले नारे का भी नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि इस नारे के बाद पार्टी का कार्यकर्ता और कोर वोटर दोनों ही निश्चिंत हो गए थे.
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Prashant Kishor News: इस लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 400 पार का नारा लेकर चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी बहुमत तक हासिल नहीं कर सकी. यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा. यहां बीजेपी राम मंदिर बनाने के बाद भी फैजाबाद (अयोध्या) सीट पर हार गई. इसके बाद से हर तरफ सिर्फ बीजेपी के प्रदर्शन की चर्चा हो रही है. तमाम राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अब देश में मोदी मैजिक और बीजेपी के अच्छे दिन समाप्त हो चुके हैं. हालांकि बिहार के राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ऐसा नहीं मानते हैं. इस चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इस चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं था और भाजपा के वोट शेयर पर कोई असर नहीं पड़ा.
पीके ने कहा कि बीजेपी को 400 पार वाले नारे का भी नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि इस नारे के बाद पार्टी का कार्यकर्ता और कोर वोटर दोनों ही निश्चिंत हो गए थे. पीके ने कहा कि मैंने बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ इलाकों में बीजेपी के खिलाफ बहुत असंतोष था, संभवत: थोड़ा गुस्सा भी था, लेकिन मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं था. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के इतिहास में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है. उन्होंने कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 की संख्या नहीं छू सकी, ये सोचने वाली बात है.
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बीजेपी अगले 20-30 वर्षों में एक प्रमुख ताकत बनी रहेगी. अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा चुनाव नहीं हारेगी, वे विपक्ष में भी जा सकते हैं. लेकिन जिस तरह से 40 वर्षों तक देश की राजनीति कांग्रेस के इर्द-गिर्द रही. उसी तरह से अगले 20-30 वर्षों तक बीजेपी राजनीति का केंद्रबिंदु रहेगी. पीके ने ये बातें एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहीं.
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प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्ष तीन राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड- में फायदे की स्थिति में है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. विपक्ष को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि इन राज्यों में विपक्ष के लिए अच्छी बात यह है कि बीजेपी बैकफुट पर है और मुझे लगता है कि भारतीय नेता इसे समझते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष को मेरी सलाह है कि अपनी सारी ताकत लगाएं और उन तीन राज्यों पर फोकस करें. अगर बीजेपी इन तीन राज्यों में से कम से कम दो को बचाने में विफल रहती है, तो पार्टी को आंतरिक असंतोष और सहयोगियों के अलग होने सहित परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.