Bihar Politics: नीतीश का पाला बदलना, NDA में भी ला सकता है भूचाल!
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Bihar Politics: नीतीश का पाला बदलना, NDA में भी ला सकता है भूचाल!

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में कैसे गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग हो इसको लेकर लगातार मांग हो रही है. वैसे ये हाल केवल इंडी अलायंस का नहीं है NDA में भी यही हालात हैं. दोनों ही गठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी तक कोई बेहतर फॉर्मूला सामने निकलकर नहीं आ पाया है.

फाइल फोटो

पटना: Bihar Politics: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में कैसे गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग हो इसको लेकर लगातार मांग हो रही है. वैसे ये हाल केवल इंडी अलायंस का नहीं है NDA में भी यही हालात हैं. दोनों ही गठबंधन में सीट शेयरिंग पर अभी तक कोई बेहतर फॉर्मूला सामने निकलकर नहीं आ पाया है. वैसे आपको बता दें कि इस सब के बीच बिहार की सियासत में एक और खबर खूब लहरा रही है और वह यह है कि नीतीश कुमार कभी भी पाला बदल सकते हैं और इधर इशारों में भाजपा के द्वारा भी उनके वापस आने पर दरवाजे पर उनके स्वागत की बात हो रही है. अब एक बार गौर से सोचिए की अगर ऐसा होता है तो फिर बिहार में NDA गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग कैसे होगी. 

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वैसे आपको बता दें कि ऐसा होने में पेंच कहां फंसेगा. नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा ने पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने का फैसला लिया और दोनों 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी. इसके साथ ही रामविलास पासवान को 6 लोकसभा सीटों पर लड़ने का मौका मिला. ऐसे में NDA के खाते में बिहार की 40 में से 39 सीटें आई. यानी भाजपा ने 17 में से 17, लोजपा ने 6 में से 6 और जदयू ने 17 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की. अब इस बार एनडीए के खेमे में लोजपा दो हिस्सों में बंटी पड़ी है. लोजपा का एक धड़ा पशुपति कुमार पारस के साथ है तो वहीं चिराग पासवान लोजपा(रामविलास) को लेकर खड़े हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी इस गठबंधन का हिस्सा है. जबकि जीतन राम मांझी की हम भी इस गठबंधन का घटक दल है. इसके साथ ही मुकेश सहनी की वीआईपी को भी इसमें शामिल करने की कोशिश की जा रही है. 

अब एक बार ध्यान से सोचिए. भाजपा लगातार दावा कर रही है कि पार्टी बिहार के 40 में से 30 लोकसभा सीटों पर चुनाव खुड लड़ेगी. 10 सीटों पर उसके सहयोगी दल के नेता चुनाव मैदान में होंगे. मुकेश सहनी को भी भाजपा अपने पाले में लेकर खगड़िया की सीट लड़ने को देना चाह रही है. जबकि सूत्रों की मानें तो वह मुजफ्फरपुर की सीट चाहते हैं. जीतन राम मांझी ने दो लोकसभा सीट की मांग की थी लेकिन उन्हें गया सीट और मांझी को राज्यसभा भेजने की बात कही गई है. कुशवाहा भी 4 सीट पर अपनी दावेदारी ठोंक चुके हैं. जिसमें सीतामढ़ी, झंझारपुर, काराकाट और जहानाबाद की सीट है. लेकिन, भाजपा उन्हें दो सीट देने को तैयार है. इससे पहले 2024 में जब कुशवाहा NDA में थे तो उन्हें तीन सीटें मिली थी.  2014 में जब रामविलास पासवान ने NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उन्हें 7 सीटों पर लड़ने का मौका मिला था. वहीं 2019 में पार्टी को 6 लोकसभा और एक राज्यसभा सीटें मिली थी. अब चिराग पासवान के साथ जब पार्टी दो टुकड़े में बंटी है तो उन्हें भी 6 सीटें चाहिए. जबकि उन्हें भाजपा की तरफ से तीन सीटों का प्रस्ताव मिला है. पशुपति कुमार पारस जो लोजपा के दूसरे धड़े के नेता हैं. उन्होंने भी अपने लिए 6 सीटों की मांग रखी है. जिसको भाजपा तीन लोकसभा की सीट या फिर दो लोकसभा और 1 राज्यसभा की सीट देना चाहती है.  वहीं चिराग और पशुपति दोनों ही रामविलास पासवान की सीट हाजीपुर पर दावा ठोंके बैठे हैं. ऐसे में NDA में इसको सुलझाना बड़ी समस्या होगी. 

नीतीश अगर NDA में आए तो क्या होगा इसको लेकर NDA के घटक दल के नेता चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की मेल मुलाकात हो रही है. अब ऐसे में नीतीश के पाला बदलने से केवल इंडी गठबंधन में ही अफरा-तफरी नहीं मचेगी. बल्कि NDA में भी भूचाल आने वाला है. ऐसे में भविष्य की चिंता और नीतीश के गठबंधन में शामिल होने की संभावना को देखते हुए ही NDA के घटक दल सीट शेयरिंग जल्दी करने की मांग कर रहे हैं. कुशवाहा, जीतन राम मांझी भी दिल्ली में चिराग पासवान के आवास पर उनसे मिलकर नीतीश के आने पर क्या भविष्य होगा इस पर चर्चा कर चुके हैं. 

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