Bihar News : सरकार अब एक प्रशासक नियुक्त करेगी जो आयोगों से जुड़े मामलों का प्रबंधन करेगा. इस प्रशासक को सचिव स्तर का पद मिलेगा और उन्हें सरकार द्वारा निर्देश या परामर्श जारी करने का अधिकार होगा.
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पटना: बिहार में मदरसा शिक्षा बोर्ड और संस्कृत शिक्षा बोर्ड के साथ ही अल्पसंख्यक, महिला और बाल श्रमिक आयोग बंद हो रहे हैं. विधानसभा में इन आयोग और बोर्ड से संबंधित संशोधन विधेयक को गुरुवार को मंजूरी मिल गई. साथ ही नीतीश कुमार सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने निष्क्रिय करते हुए इसे निराधार बताया है.
बता दें कि संशोधन विधेयकों को ध्वनिमति से मंजूरी मिल गई है. गुरुवार को विधानसभा में संबंधित मंत्रीगण ने अपने-अपने विभागों के संशोधन विधेयकों को सदन में पेश किया. विपक्षी सदस्यों के द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्तावों पर चर्चा और उनके अस्वीकृत होने के बाद इन संशोधन विधेयकों को मंजूरी मिल गई है. संशोधित अधिनियमों की वाणिज्यिक क्रियाएं वर्तमान में समाप्त हो जाएंगी. सरकार अब एक प्रशासक नियुक्त करेगी जो आयोगों से जुड़े मामलों का प्रबंधन करेगा. इस प्रशासक को सचिव स्तर का पद मिलेगा और उन्हें सरकार द्वारा निर्देश या परामर्श जारी करने का अधिकार होगा. ये निर्देश या परामर्श प्रशासक के लिए बाध्यकारी होंगे.
आयोगों के विघटन के बाद उनके कार्यकाल की पुनः व्यवस्था के लिए सरकार एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगी. यह समिति सरकार को महीने भर में प्रस्तुत करेगी. इसके अलावा बता दें कि सरकार इसे आवश्यक संशोधनों के साथ स्वीकार कर सकती है. प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार को अधिनियम के तीन धारा के तहत आयोग का पुनर्गठन करना होगा, जो दो महीने के अंदर होना आवश्यक है.
आयोग का कार्यकाल होने पर भी सरकार को किसी भी समय इन्हें बंद करने का अधिकार है. बाल श्रमिक आयोग संशोधन विधेयक 2024 का प्रस्ताव श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा, अल्पसंख्यक आयोग संशोधन विधेयक 2024 का प्रस्ताव प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और महिला आयोग संशोधन विधेयक प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने पेश किया है.
विधानसभा में इन संशोधन विधेयकों को मिली मंजूरी
इनपुट- जी बिहार झारखंड ब्यूरो
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