झारखंड में नई शराब नीति लागू होने के बाद का आलम, महंगी हुई शराब
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झारखंड में नई शराब नीति लागू होने के बाद का आलम, महंगी हुई शराब

झारखंड में शराब की कमी की बड़ी वजह पड़ोसी राज्य बिहार की शराबबंदी भी मानी जा रही है. बिहार में शराबबंदी सख्ती से लागू होने से शराब के शौकीन चंद घूंट लेने की चाह में सीमा लांघकर झारखंड पहुंच रहे हैं और शराब का लुत्फ उठा रहे हैं. 

(फाइल फोटो)

रांचीः झारखंड में जबसे नई शराब नीति लागू हुई है, शराब के दीवानों की मुश्किल बढ़ गयी हैं. आलम ये है कि न तो वाइन शॉप में मनपसंद ब्रांड मिल रहा है और न ही जी भरकर जाम छलका पा रहे हैं. दरअसल राज्य सरकार ने इसी महीने की 2 तारीख से पूरे राज्य में नई शराब नीति लागू की है. इस नई शराब नीति लागू होने से पहले बीयर समेत शराब की बिक्री और रेवेन्यू की सीधी जिम्मेदारी निजी दुकानदारों के जिम्मे थी लेकिन नई नीति के बाद यह जिम्मेदारी अब JSBCL द्वारा संचालित दुकानों को दे दी गयी है. अब खुदरा शराब विक्रेता संघ का कहना है कि नई शराब नीति के लागू होने के बाद से सूबे में शराब और खासतौर पर बीयर की आपूर्ति की हालत बदल गयी है.

शराब के शौकीनों की जेब हो रही ढीली
नयी शराब नीति के बाद शराब के शौकीनों को न तो मनपसंद ब्रांड के शराब की चाहत पूरी हो पा रही है और न ही जितनी मात्रा में वे शराब खरीदना चाह रहे हैं, उतनी मात्रा में ये मिल पा रहा है. ऐसे में जेब तो ज्यादा ढीली हो ही रही है, ऊपर से जी भरकर जाम का आनंद भी नहीं ले पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि बाजार से बीयर भी लगभग नदारद हो चुकी है. राजधानी रांची का आलम यह है कि कुछ जगहों पर कुछ महंगे ब्रांड की बीयर मिल भी रही है तो उसकी दोगुनी से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. इसका सीधा नुकसान झारखंड राज्य वेबरेज लिमिटेड को उठाना पड़ रहा है और करोड़ों का नुकसान हो रहा है. 

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पड़ोसी पियक्कड़ भी बढ़ा रहे परेशानी
झारखंड में शराब की कमी की बड़ी वजह पड़ोसी राज्य बिहार की शराबबंदी भी मानी जा रही है. बिहार में शराबबंदी सख्ती से लागू होने से शराब के शौकीन चंद घूंट लेने की चाह में सीमा लांघकर झारखंड पहुंच रहे हैं और शराब का लुत्फ उठा रहे हैं. इसे भी शराब की आपूर्ति में कमी की वजह माना जा रहा है. वैसे मुद्दा गरम हो तो सियासत होना तो लाजिमी है. बीजेपी के विधायक सीपी सिंह ने तो इसके लिए शराब माफिया को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि वे झारखंड में भी शराबबंदी लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी शराबबंदी के पक्ष में बोलते नजर आए. हालांकि जेएमएम के सुप्रियो भट्टाचार्य शराब बिक्री में कमी के चलते रेवन्यू में गिरावट को गंभीर चिंता का विषय बताते हैं. हालांकि वित्त मंत्री रामेश्वर ठाकुर राजस्व में कमी की समस्या को जल्दी दूर कर लेने का भरोसा जता रहे हैं. दूसरी तरफ मंत्री जगन्नाथ महतो का कहना है कि शराब के शौकीनों को आ रही समस्या जल्दी दूर कर ली जाएगी. इन सबके बीच शराब के शौकीनों की चिंता बस यही है कि बाजार में शराब की कमी की समस्या आखिर कब दूर होगी और वे कब जी भरकर गला तर कर सकेंगे.
(इनपुट- कामरान जलीली)

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