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सिमडेगा:Jharkhand Daughter: झारखंड की बेटियों ने एक बार से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. दरअसल झारखंड के सिमडेगा जिले की उन तीन बेटियां अपनी मेहनत के दम पर महिला जूनियर एशिया कप-2023 के लिए भारतीय टीम में चुनी गईं हैं. ये वैसी बेटियां हैं जिसमें से किसी के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया तो किसी के मां-पिता ने दिहाड़ी मजदूरी करके जीवन यापन करने को मजबूर हैं. तो किसी ने खुद खेतों में काम करके अपने सपने को जमीन पर उतारा. इनके तीनों बेटियों का नाम दीपिका, रोपनी और महिमा हैं. हॉकी के मैदान तक पहुंचने और अपनी काबिलियत वहां साबित करने के लिए तीनों को बहुत ही विषम हालात से गुजरना पड़ा है. दीपिका और रोपनी के पिता का उनके बचपन में ही निधन हो चुका है. उनके परिवार वालों ने मजदूरी कर किसी तरह अपनी खिलाड़ी बेटियों के सपनों को न सिर्फ जिंदा रखा, बल्कि उसे हासिल करने के लिए में हर संभव योगदान दिया.
वहीं जिले के केरसई प्रखंड के करंगागुड़ी सेमरटोली की रहने वाली दीपिका सोरेंग के पिता दानियल सोरेंग की हत्या काफी पहले हो गई थी. इसके बाद दीपिका की मां फ्रिस्का सोरेंग ने राऊरकेला में दिहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चों की परवरिश की. दीपिका सोरेंग का हॉकी के प्रति झुकाव को देखते हुए उसे इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए फ्रिस्का सोरेंग ने जी जान लगा दी. बता दें कि, रोपनी की कहानी भी कुछ दीपिका की तरह ही है. उसके पिता रातू मांझी के निधन के बाद रोपनी को इस मुकाम तक पहुंचाने में उसकी मां और घर के अन्य सदस्यों का अहम योगदान रहा है. वहीं ओलंपियन सलीमा की बहन महिमा के घर की माली हालात बेहतर नहीं रहने से वो बड़े संघर्ष से आगे बढ़ीं हैं. उन्होंने खुद खेतों में काम किया है.
बता दें कि साल 2017 में तीनों खिलाड़ियों ने सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में झारखंड टीम से खेला और गोल्ड जीतकर चैंपयिन बनीं. वहीं साल 2019 में भी तीनों ने जूनियर नेशनल में झारखंड टीम से खेलकर गोल्ड मेडल जीत था. हॉकी खिलाड़ी दीपिका, रोपनी और महिमा झारखंड टीम से लगातार नेशनल प्रतियोगिता भी खेलती रही हैं. जिसके बाद तीनों अब विदेशी सरजमीं पर अपने राज्य का नाम रोशन करने को तैयार है. गौरतलब है कि जापान के काकामीगहारा में 2 जून से शुरू होने वाले प्रतिष्ठित महिला जूनियर एशिया कप 2023 के लिए हॉकी इंडिया ने 18 सदस्यीय भारतीय जूनियर महिला टीम की घोषणा की है.